Move to Jagran APP

Supreme Court: बिहार में निकाय चुनाव पर कोई संकट नहीं, अति पिछड़ा आयोग पर सुप्रीम कोर्ट में 20 जनवरी को सुनवाई

बिहार राज्य अति पिछड़ा वर्ग आयोग निकाय चुनाव में आरक्षण की सीमा निर्धारित करने के लिए डेडीकेटेड कमीशन है या नहीं इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट में अगले साल 20 जनवरी को सुनवाई होगी। ऐसे में चुनाव हो सकेंगे।

By Arun AsheshEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Tue, 06 Dec 2022 08:35 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2022 08:35 PM (IST)
Supreme Court: बिहार में निकाय चुनाव पर कोई संकट नहीं, अति पिछड़ा आयोग पर सुप्रीम कोर्ट में 20 जनवरी को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में 20 जनवरी 2023 को सुनवाई होगी।

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार राज्य अति पिछड़ा वर्ग आयोग निकाय चुनाव में आरक्षण की सीमा निर्धारित करने के लिए डेडीकेटेड कमीशन है या नहीं, इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट में अगले साल 20 जनवरी को सुनवाई होगी। मतलब यह कि राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के अनुसार 18 और 28 दिसंबर को राज्य में निकाय चुनाव के तहत मतदान होंगे। वोटों की गिनती होगी। परिणाम घोषित होंगे और निकायों का गठन भी हो जाएगा। मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित रहने के कारण उम्मीदवार आशंकित थे। वे खुलकर चुनाव प्रचार भी नहीं कर रहे थे। अगली सुनवाई के लिए लंबी तारीख घोषित होने के बाद फिर से चुनाव के लटकने की आशंका फिलहाल समाप्त हो गई है।

loksabha election banner

क्या है मामला

सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की खंडपीठ ने सुनील कुमार की याचिका पर 28 नवंबर को आदेश दिया था कि बिहार राज्य अति पिछड़ा वर्ग आयोग को निकाय चुनाव में अति पिछड़ों के लिए आरक्षण निर्धारित करने के लिए डेडीकेटेड कमीशन के रूप में अधिसूचित नहीं किया जाए। डेडीकेटेड कमीशन का गठन सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर किया गया है। हालांकि सरकार तक आदेश पहुंचने से पहले अति पिछड़ा आयोग ने रिपोर्ट सौंप दी थी। उसी आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग ने दो चरणों में निकाय चुनाव की तारीख भी तय कर दी। यह भी 28 नवंबर को ही हुआ।

असमंजस में उम्मीदवार

चुनाव की तारीख घोषित होने के बावजूद निकाय चुनाव के उम्मीदवार असमंजस में थे। क्योंकि उन्हें पता था कि अति पिछड़ा आयोग के डेडीकेटेड कमीशन होने न होने के सवाल पर सर्वोच्च न्यायालय की उसी खंडपीठ में पांच दिसंबर को सुनवाई होने वाली थी। आशंका यह थी कि कहीं सर्वोच्च न्यायालय चुनाव के संबंध में कोई नया आदेश न जारी कर दे। परंतु अब मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी 2023 को होगी। इसका मतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव की प्रक्रिया में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया। इधर, निर्वाचन आयोग की तैयारी ऐसी है कि नए साल के पहले सप्ताह में ही राज्य भर के सभी निकायों का नए चुनाव के आधार पर गठन हो जाएगा।

सरकार ने क्या कहा

इस विषय को राजनीतिक रंग देने पर नगर विकास विभाग ने सफाई दी। विभाग ने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग आयोग को डेडीकेटेड कमीशन का दर्जा देने में कुछ भी गलत नहीं है। इसकी जानकारी पटना हाई कोर्ट को भी दी गई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने भी पहले से गठित आयोग को डेडीकेटेड कमीशन का दर्जा दिया था। उसकी अनुशंसा पर आरक्षण का निर्धारण हुआ और निकाय चुनाव भी कराए गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.