नालंदा मेडिकल कॉलेज का एनएमसी आज करेगा निरीक्षण
-राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का पहला कदम ऑनलाइन होगी जांच -120 से बढ़ा 150 सीट करने के लिए बताई गई कमियों को किया गया दूर जागरण संवाददाता पटना सिटी
पटना । नालंदा मेडिकल कॉलेज में नए सत्र के लिए 150 सीटों पर एमबीबीएस में नामांकन लेने की रजामंदी राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग से मिल सकती है। मौजूदा 120 सीटों को बढ़ा कर 150 किए जाने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) द्वारा बताई गई कमियां दूर कर ली गई हैं। यह संभावना जताते हुए प्राचार्य डॉ. हीरा लाल महतो ने बताया कि बुधवार को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) पहली बार कॉलेज एवं अस्पताल का ऑनलाइन निरीक्षण करेगा। कॉलेज में एनएमसी मामले के नोडल पदाधिकारी एवं कम्युनिटी मेडिसिन के सह प्राध्यापक डॉ. अखौरी पी के सिन्हा ने बताया कि दिसंबर 2019 में औचक निरीक्षण के बाद की रिपोर्ट में एमसीआइ ने कॉलेज में उस समय स्थायी प्राचार्य नहीं होने तथा तत्कालीन उपाधीक्षक की योग्यता पर सवाल उठाए थे।
विभाग में प्रदर्शन रूम की कमी, वार्ड में इंजेक्शन रूम न होने जैसी कमियां गिनाई गई थीं। स्वास्थ्य विभाग की मदद से कमियां अब दूर हो चुकी हैं। कॉलेज में शिक्षकों की भी कोई कमी नहीं है। वर्तमान प्राचार्य एवं अधीक्षक आवश्यक सभी योग्यता रखते हैं।
-------- छह माह बाद एनएमसीएच में कल से होगा सामान्य मरीजों का इलाज
-कोरोना मरीजों के लिए 100 बेड, एमबीबीएस व पीजी की पढ़ाई भी होगी शुरू
- अधीक्षक बोले, पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आज होगी बैठक
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जागरण संवाददाता, पटना सिटी : छह माह बाद प्रदेश के दूसरे बड़े नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामान्य मरीजों की बीमारियों का इलाज गुरुवार से आरंभ हो जाएगा। पहले की तरह इमरजेंसी, ओपीडी चलेगी। मरीजों का ऑपरेशन भी होगा।
यह जानकारी मंगलवार को अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस और पीजी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी बेड ऑन साइड शुरू हो जाएगी। कोरोना मरीजों के लिए 100 बेड की व्यवस्था अलग की जाएगी ताकि अस्पताल में इलाज व पढ़ाई रूप से चल सके।
अधीक्षक ने बताया कि प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए बुधवार को प्राचार्य डॉ. हीरा लाल महतो, उपाधीक्षक एवं सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की जाएगी। अस्पताल को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोरोना मरीजों की संख्या घट कर 10 रह जाने के कारण यहां सभी बेड खाली थे। यहां कार्यरत पंद्रह सौ से अधिक डॉक्टर, नर्स व कर्मी भी सामान्य मरीजों को भर्ती कर इलाज व मेडिकल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई आरंभ किए जाने पर बल दे रहे थे।
अधीक्षक ने बताया कि कोरोना मरीजों को नशा मुक्ति इकाई, संक्रामक रोग अस्पताल, शिशु रोग विभाग के वार्ड आदि में रखा जाएगा। पांच बेड कोरोना योद्धा के लिए भी सुरक्षित रहेगा।