भाजपा के खिलाफ अभियान में नीतीश को मिलेगा लालू का साथ, दिल्ली में सोनिया गांधी से होगी मुलाकात
Bihar politics नीतीश कुमार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। भाजपा के खिलाफ अभियान में इस बार बिहार के मुख्यमंत्री को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का साथ मिलेगा। इस बात के संकेत तेजस्वी यादव ने दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट करने के अभियान के दूसरे चरण को नीतीश कुमार आगे तब बढ़ाएंगे जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विदेश से लौट आएंगी। सोनिया अभी इटली में हैं। अगले हफ्ते तक लौटने की उम्मीद है। इस बात का संकेत उपमुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने दिया है। नीतीश के विपक्षी एकता के अभियान के बाद अब तेजस्वी भी दिल्ली की यात्रा पर हैं। दस अक्टूबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राजद का खुला अधिवेशन है, जिसकी तैयारियों के सिलसिले में तेजस्वी को तीन-चार दिनों तक दिल्ली में रहना है।
विपक्षी दलों को एकजुट करने के अभियान के बारे में तेजस्वी ने बताया कि अगली बार नीतीश कुमार अपने अभियान पर अकेले नहीं निकलेंगे। उनके साथ राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी होंगे। इस बार 2019 की गलती को नहीं दोहराना है। पिछले लोकसभा चुनाव में जो हुआ, उसे लेकर लोग आज भी परेशान हैं। इसलिए विपक्ष का प्रयास है कि सबको एक साथ लाने के लिए प्रमुख दलों के नेता एक साथ बैठें और आपसी सहमति बनाएं।
एक-दो घटनाओं को ज्यादा उछाला जा रहा
बिहार की विधि-व्यवस्था पर भाजपा द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि एक-दो घटनाओं को ज्यादा उछाला जा रहा है। पटना के एक थाने में घुसकर पुलिस से बदतमीजी की घटना पर भी तेजस्वी ने सफाई दी। कहा कि जिसने ऐसा किया, उसका राजद से पिछले आठ वर्ष संबंध नहीं है। कुछ लोग बदनाम करने के प्रयास में लगे हैं। हमें उनपर ध्यान नहीं देना है। इतना स्पष्ट कर दूं कि बिहार में कानून का राज है। सबको साफ-साफ कह दिया गया है कि कोई भी हो, गलत करेगा तो उसपर कानून का डंडा चलेगा।
दिल्ली में होगा राजद का खुला अधिवेशन
राजद का संगठनात्मक चुनाव भी इस बार इतिहास बनाने जा रहा है। पहली बार दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। नौ और दस अक्टूबर को कार्यक्रम है। पहला दिन निवर्तमान राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी और अंतिम दिन खुला अधिवेशन होगा। राजद के राष्ट्रीय सह निर्वाचन पदाधिकारी चितरंजन गगन ने बताया कि पहले यह तिथि 10 और 11 अक्टूबर तय की गई थी, लेकिन स्टेडियम के उपलब्ध नहीं होने के चलते बाद में संशोधित कर लिया गया।