NIT पटना के छात्र ने बनाई किफायती मशीन, छुए बिना हाथों को करिए सैनिटाइज- जानें कैसे
एनआइटी पटना के बीटेक छात्र ने कोरोना से निपटने को मात्र 2200 रुपये में एक सैनिटाइजर मशीन तैयार की है। जानें कैसे मशीन को बिना छुए हाथ सैनिटाइज किया जा सकता है।
प्रशांत पांडेय, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान से प्रेरित एनआइटी पटना के बीटेक छात्र भोजपुर निवासी ऋतिक राज ने कोरोना से निपटने को मात्र 2200 रुपये में एक सैनिटाइजर मशीन तैयार की है। इस ऑटोमेटिक मशीन को छुए बिना हाथों को सैनिटाइज किया जा सकता है। तीन दिन में यह मशीन बना ऋतिक ने आरा के सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष फूलचंद्र चौधरी को सौंपी है। जल्द मशीन का लाभ आरा सिविल कोर्ट आने वालों को मिलेगा।
अपने आप हो जाती है बंद
जेल रोड आरा के रहने वाले व्यवसायी मणिराज के पुत्र ऋतिक राज ने बताया कि मशीन स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल करके बनाई गई है। हाथों को साफ करने के लिए मशीन को छूने की जरूरत नहीं है। इसमें सेंसर लगा है, जिससे मशीन के पास हाथ ले जाते ही सैनिटाइजर निकलने लगता है। हाथ हटाते ही मशीन बंद हो जाती है।
महज 22 सौ रुपये खर्च
जोधपुर डीपीएस से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्र ऋतिक ने बताया कि मशीन के निर्माण में केवल 2200 रुपये की लागत आई। लॉकडाउन के दौरान सामानों के मिलने में समस्या के बावजूद उन्होंने इसे मात्र तीन दिन में तैयार कर लिया।
मोबाइल की तरह होत चार्ज
ऋतिक ने बताया कि मोबाइल की तरह ही मशीन को चार्ज किया जा सकता है। इसमें चार वोल्ट और एक एंपियर की बैटरी लगी है। मशीन में सैनिटाइजर रखने के लिए ढाई लीटर का जार भी दिया गया है। जैसे ही सैनिटाइजर खत्म होने लगता है मशीन में लगा इंडीकेटर जलने लगता है।
कोरोना काल में आया आइडिया
ऋतिक ने बताया कि कोरोना के मामले बिहार में लगातार बढ़ रहे हैं। देखा कि सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए भी लोगों को उसकी बोतल छूनी पड़ती है। ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसी को ध्यान में रख मशीन बनाने का आइडिया आया। पहले उन्होंने भोजपुर के डीएम को मशीन देने का प्रयास किया था, मगर उनसे न मिल पाने पर जिला सत्र न्यायाधीश को सौंप दी। ऋतिक ने इसके पहले पिक एंड प्लेस रोबोट का निर्माण किया था। ये एक कम वजनी सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में सहायता करता है।