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बाढ़ की तैयारियों के लिए नौ कोषांग गठित

बारिश का मौसम नदजीक है। पटना जिले में गंगा, सोन, पुनपुन और दरधा नदियां बाढ़ का कहर बरपाती हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 08:42 PM (IST)
बाढ़ की तैयारियों के लिए नौ कोषांग गठित
बाढ़ की तैयारियों के लिए नौ कोषांग गठित

पटना । बारिश का मौसम नदजीक है। पटना जिले में गंगा, सोन, पुनपुन और दरधा नदियां बाढ़ का कहर बरपाती हैं। जिलाधिकारी कुमार रवि ने संभावित बाढ़ के दौरान प्रभावित परिवारों के बीच तुरंत राहत पहुंचाने के लिए नौ कोषागों का गठन किया है।

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डीएम ने निर्देश दिया है कि कोषांग संबंधित कार्यो को अच्छी तरह समझकर रोटेशन तैयार कर लें ताकि आकस्मिकता की स्थिति में कार्य अविलंब प्रारंभ किया जा सके। 24 घटे कार्य जारी रखा जाना है। सबको मुस्तैदी, प्रतिबद्धता एवं निष्ठा के साथ काम करना है। किसी भी प्रकार की कोताही को गंभीरता से लिया जाएगा। नाजिर 'आपदा प्रबंधन शाखा' पानी, चाय एवं अल्पाहार, उपस्कर की व्यवस्था करेंगे। साथ ही आवश्यकतानुसार मजदूरों की भी व्यवस्था करेंगे।

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वित्त दर निर्धारण एवं पूर्वाकेक्षण कोषाग : इसके वरीय प्रभारी उप विकास आयुक्त आदित्य प्रकाश बनाए गए हैं। कोषाग का दायित्व जिला क्रय समिति के द्वारा बाढ़ के समय खाद्य पदार्थो या अन्य सामग्रियों की दर जिनका निर्धारण पूर्व में नहीं हुआ है, उनका आपात स्थिति में आवश्यकतानुसार एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के तहत आवश्यक खाद्य पदार्थो या अन्य सामग्रियों का स्थानीय बाजार से सर्वेक्षण के बाद कोटेशन प्राप्त कर नियम के अनुसार राहत सामग्री की दर का निर्धारण करना। सामग्री आपूर्ति, भंडारण, पैकेटिंग एवं निर्गत कोषाग : इसके प्रभारी वरीय पदाधिकारी विशिष्ट पदाधिकारी, अनुभाजन पंकज कुमार बनाए गए हैं। इस कोषाग का दायित्व सामग्री की आपूर्ति लेना, सामग्री का भंडारण करना, उसकी मात्रा, वजन, गुणवत्ता, भंडार पंजी को मेंटेन करना, भंडार गृह से सामग्री प्राप्त कर सामग्रियों की पैकेटिंग कराना, इनका वितरण कराना एवं पंजी मेंटेन कराना है। हवाई अड्डा समन्वय कोषाग : इसके वरीय पदाधिकारी अपर समाहर्ता, विशेष कार्यक्रम वीरेन्द्र कुमार पासवान बनाए गए हैं। चिह्नित सामग्री पैकेटिंग स्थल एसके मेमोरियल हॉल आदि से राहत सामग्री प्राप्त कर ट्रकों, वाहनों से सामग्री हेलीकॉप्टर पर लोड कराना है। परिवहन कोषाग : इसके वरीय पदाधिकारी जिला परिवहन पदाधिकारी अजय कुमार ठाकुर बनाए गए हैं। इस कोषाग का दायित्व राहत सामग्री को लाने एवं ले जाने के लिए ट्रक एवं छोटे वाहन की व्यवस्था करना है। साथ ही अन्य जिलों से आये पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों के लिए वाहन की व्यवस्था करना है।

नयाचार कोषाग : इसके वरीय पदाधिकारी नयाचार पदाधिकारी लाल ज्योति नाथ सहदेव को बनाया गया है। इस कोषाग का दायित्व क्रू मेंबर, अन्य जिले से आये पदाधिकारी, प्रतिनिधियों के आवासन एवं भोजन की व्यवस्था करना है। हवाई अड्डा एवं अन्य अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना। राहत सामग्रियों के भंडारण, पैकेटिंग, लोडिंग, अनलोडिंग की वीडियोग्राफी कराकर प्रतिदिन सीडी तैयार कर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराना है। विधि-व्यवस्था कोषाग : इसके वरीय पदाधिकारी का दायित्व अपर जिला दंडाधिकारी विधि-व्यवस्था आशुतोष कुमार वर्मा एवं एक पुलिस उपाधीक्षक पीसीआर को दिया गया है। कोषाग का दायित्व एसके मेमोरियल हॉल और स्टेट हैंगर पर विधि-व्यवस्था संधारण के लिए दंडाधिकारी, सुरक्षा बल की प्रतिनियुक्ति करना, राहत सामग्री लाने-ले जाने के लिए वाहनों पर सुरक्षा बल की प्रतिनियुक्ति करना है। भंडारगृह में स्टैटिक सशस्त्र बल की प्रतिनियुक्ति करना है। प्रतिवेदन कोषाग : इसके वरीय पदाधिकारी का दायित्व जिला साख्यिकी पदाधिकारी शशिकांत प्रकाश को दिया गया है। कोषांग राहत सामग्री की प्राप्ति एवं निर्गत संबंधी दैनिक प्रतिवेदन तैयार करेगा। आपदा प्रबंधन शाखा को संचिका, पंजी संधारण करने में सहयोग करेगा। मानव चिकित्सा, पशु चिकित्सा एवं पशुचारा कोषाग : इसके वरीय पदाधिकारी का दायित्व असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया है। इस कोषाग का दायित्व अनुमंडल व प्रखंड स्तर पर मानव चिकित्सा की व्यवस्था, पशुचिकित्सा की व्यवस्था एवं पशुचारा की उपलब्धता से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है। सभी अनुमंडल एवं प्रखंडों से प्रतिवेदन संग्रह कर प्रतिदिन किये गये कार्यो से संबंधित समेकित प्रतिवेदन से जिलाधिकारी को अवगत कराएंगे। राहत केंद्र कोषाग : इसके वरीय पदाधिकारी का दायित्व वरीय उप समाहर्ता मनोज कुमार झा को दिया गया है। इस कोषाग का दायित्व सभी अनुमंडल स्थित प्रखंडों में संचालित राहत केंद्रों से व्यवस्था संबधित प्रतिवेदन संबंधित पदाधिकारी से प्रतिदिन प्राप्त करना। सभी राहत केंद्रों से प्राप्त व्यवस्था संबंधित सूचना से जिलाधिकारी को अवगत कराना। राहत केंद्रों पर आवश्यकतानुसार कमी की भरपाई करना है।


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