Move to Jagran APP

बड़ा खुलासा: सॉफ्टवेयर क्रैक कर रेल टिकटों की होती बुकिंग, देश भर में फैले तार

रेलवे में भ्रष्‍टाचार व साइबर क्राइम का यह बड़ा खुलासा है। रेलवे का सॉफ्टवेयर क्रैक कर ट्रैवल एजेंट रेल टिकटों की बुकिंग करते हैं। इस गोरखधंधे का ख्‍ुालासा पटना में हुआ है।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 08 Apr 2018 11:53 AM (IST)Updated: Mon, 09 Apr 2018 11:05 PM (IST)
बड़ा खुलासा: सॉफ्टवेयर क्रैक कर रेल टिकटों की होती बुकिंग, देश भर में फैले तार
बड़ा खुलासा: सॉफ्टवेयर क्रैक कर रेल टिकटों की होती बुकिंग, देश भर में फैले तार
style="text-align: justify;">पटना [चन्द्रशेखर]। रेलवे रिजर्वेशन के लिए आपको भले ही पापड़ बेलने पड़ें, ट्रैवल एजेंसी वाले तकनीक का गलत इस्‍तेमाल कर रेलवे का सॉफ्टवेयर क्रैक कर आराम से टिकट बुक कराते हैं। सॉफ्टवेयर क्रैक करने के लिए बेंगलुरु की एक कंपनी सॉफ्टवेयर क्रैकर बनाती है। यह गोरखधंधा कुछ भ्रष्‍ट रेलकर्मियों की मिलीभगत से पूरे देश में चल रहा है। एेसा ही एक मामला पटना में पकड़ा गया है।
ऐसे चलता गोरखधंधा
लंबी दूरी की ट्रेनों में तत्काल टिकट आसानी से मिलना बड़ा मुश्किल है। यात्री तत्काल टिकट के लिए ट्रैवल एजेंसी से संपर्क करते हैं। एजेंसी वाले तत्काल टिकट ही नहीं देते, वीआइपी कोटे से भी टिकट कंफर्म करवाने की गारंटी लेते हैं। एजेंसी वाले फेक आइडी से आइआरसीटीसी के अकाउंट खोल लेते हैं और अन्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से रेलवे का सॉफ्टवेयर क्रैक कर धड़ल्ले से तत्काल टिकट बुक कर रहे हैं।
गिरफ्तार ट्रैवल एजेंट ने किया खुलासा
इस बात का खुलासा तब हुआ जब आरपीएफ ने कंकड़बाग हाउसिंग कॉलोनी से गिरफ्तार हैप्पी यात्रा ट्रैवल एजेंसी के मालिक से पूछताछ की। उसने आरपीएफ को बताया कि दूसरे के नाम पर उसने 10-12 आइडी खोल रखे हैं। सारे आइडी में पता हैप्पी यात्रा ट्रैवल एजेंसी का ही दिया गया है।
बेगलुरु की कंपनी बनाती सॉफ्टवेयर क्रैकर
जब गिरफ्तार आरोपित के कंप्यूटर व हार्ड डिस्क की जांच की गई और पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि वह अकेले ही इस धंधे में शामिल नहीं है, बल्कि 20 से 25 लोगों का समूह है। वे लोग बेंगलुरु की एक सॉफ्टवेयर कंपनी से ऑनलाइन सॉफ्टवेयर क्रैकर खरीदते हैं। इसकी वैधता 25 दिनों तक ही होती है। एक सॉफ्टवेयर के लिए 2500 से 3000 रुपये देने पड़ते हैं। इस सॉफ्टवेयर का नाम हमेशा बदलते रहता है। कभी लक्समेनिया तो कभी ब्लूडॉट तो कभी और दूसरे नाम से बनाया जाता है।
देशभर में फैले कंपनी के एजेंट
बेंगलुरु की कंपनी हर राज्य के लिए अलग-अलग एजेंट रखती है जो उन्हें आसानी से यह सॉफ्टवेयर मुहैया करा देते हैं। वे लोग किसी न किसी माध्यम से रेलवे के कर्मचारियों से भी संपर्क रखते हैं जो उन्हें मौका पडऩे पर वीआइपी कोटे से टिकट तक कंफर्म करवा देते हैं। आरपीएफ की टीम उसके द्वारा दिए गए बयान की जांच कर रही है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.