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बड़ा खुलासा: बांग्लादेशी आतंकियों ने बिहार में खड़ा किया आतंक का नया मॉड्यूल

आतंकियों के पनाहगाह बने बिहार को लेकर यह बड़ा खुलासा है। बांग्लादेशी आतंकियों ने बिहार में आतंक का नया मॉड्यूल खड़ा कर लिया है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 04 Feb 2018 09:16 AM (IST)Updated: Sun, 04 Feb 2018 10:29 PM (IST)
बड़ा खुलासा: बांग्लादेशी आतंकियों ने बिहार में खड़ा किया आतंक का नया मॉड्यूल
बड़ा खुलासा: बांग्लादेशी आतंकियों ने बिहार में खड़ा किया आतंक का नया मॉड्यूल

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के सीमाई जिलों में आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) ने अपना स्लीपर सेल तैयार कर लिया है। मूलरूप से म्यांमार से निकाले गए रोहिंगिया समुदाय के इस आतंकी संगठन को भारत के पूर्वोत्तर व पूर्वी राज्यों में अपनी गतिविधियां तेज करने में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए- तैयबा सहायता उपलब्ध करा रहा है। पिछले दिनों बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में एक बड़ा धमाका करने की साजिश भी जेएमबी ने ही रची थी।

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एनआइए व आइबी के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जेएमबी ने पहले पश्चिम बंगाल और फिर अब बिहार के करीब आधा दर्जन जिलों में अपना एक मजबूत स्लीपर सेल तैयार कर लिया है। बोधगया मंदिर परिसर में दो शक्तिशाली आइईडी प्लांट करने के मामले में पश्चिम बंगाल से हुई दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद भारतीय सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची हैं कि बोधगया में आइईडी प्लांट करने का काम जेएमबी के आतंकियों ने ही किया था।

दरअसल, म्यांमार से निकाले गए रोहिंगिया समुदाय के लोगों ने बंगलादेश में पनाह लेकर जेएमबी को पश्चिम बंगाल के नदिया, मुर्शिदाबाद, बीरभूम और उत्तरी 24 परगना जिलों से इस आतंकी संगठन की गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर दिया था। जेएमबी ने अब बिहार के गोपालगंज, सिवान, सारण, किशनगंज, दरभंगा, मधुबनी और अररिया जैसे सीमाई जिलों में अपना एक मजबूत स्लीपर सेल भी तैयार कर लिया है।

बिहार के सीमाई जिलों में पनाह लेते रहे आतंकी

करीब 15 साल पूर्व बिहार में सबसे पहले स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) ने अपनी गतिविधियां शुरू की थीं। बाद में सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद बिहार में तहसीन अख्तर उर्फ मोनू ने इंडियन मुजाहिदीन का एक मजबूत स्लीपर सेल तैयार किया।

समस्तीपुर के रहने वाले तहसीन ने इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापकों में से एक यासीन भटकल और उसके साथियों को बिहार के दरभंगा में कई महीनों तक पनाह दिया। बाद में देश भर में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के बाद यासीन भटकल बिहार के रास्ते नेपाल में छुपकर रहने लगा। यासीन व तहसीन की गिरफ्तारी के बाद बिहार में 'सिमी' और इंडियन मुजाहिदीन की गतिविधियां लगभग ठप पड़ गई थी। लेकिन अब जेएमबी ने पश्चिम बंगाल में अपना मजबूत नेटवर्क तैयार करने के बाद बिहार के सीमाई जिलों में अपना नेटवर्क तैयार कर लिया है।

क्या है जेएमबी

जेएमबी की गतिविधियां जब पश्चिम बंगाल में शुरू हुई थी तब इसे आतंकी संगठन आइएसआइएस का बांग्लादेशी संस्करण बताया जा रहा था। लेकिन पिछले साल पश्चिम बंगाल में पकड़े गए जेएमबी आतंकी मूसा ने स्वीकार किया था कि जेएमबी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का बांग्लादेशी संस्करण है। इसे लश्कर भारत में हर तरह की वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रहा है।


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