मेडिकल छात्रों के लिए काम की खबर, सरकार के निर्णय के बाद अब नहीं मिलेगा कोटा
एमबीबीएस के बाद पीजी में नामांकन हेतु 50 फीसद कोटे का लाभ केवल बिहार के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को ही दिया जाएगा।
पटना, जेएनएन। राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग ने पटना हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि एमबीबीएस के बाद पीजी में नामांकन हेतु 50 फीसद कोटे का लाभ केवल बिहार के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को ही दिया जाएगा। अर्थात अब एम्स अथवा केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेज के छात्रों को स्टेट कोटा का लाभ नहीं मिलेगा।
ऐश्वर्या सिंह व अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से हलफनामे के जरिए कोर्ट को स्वास्थ्य विभाग के उक्त निर्णय से अवगत कराया गया। विभाग ने 18 अप्रैल के पत्रंक के जरिए स्टेट कोटा को परिभाषित करने वाले प्रावधान में वांछित संशोधन कर दिया है। जिसके तहत स्टेट कोटा का लाभ उन अभ्यर्थियों को मिलेगा जो एमबीबीएस परीक्षा राज्य के सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त निजी मेडिकल कॉलेज से पास किए हों।
न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने राज्य सरकार के जवाब के आलोक में मामले को निष्पादित कर दिया । रिट याचिकाकर्ताओं की शिकायत थी प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के पीजी कोर्स में दाखिले हेतु 50 फीसदी स्टेट कोटा का लाभ पटना एम्स के डॉक्टरों को इसलिए मिल जाता है क्योंकि वह बिहार राज्य में स्थित है। जबकि एम्स केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय की इकाई है ।
हुए थे विरोध-प्रदर्शन
पीजी नामांकन के 50 फीसद कोटे में एम्स और केंद्र सरकार के अन्य मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को मौका दिए जाने के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। मेडिकल छात्रों ने बाहरी छात्रों को इस कोटे का लाभ देने का विरोध किया था। इस दौरान अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था पर भी असर पड़ा था। राज्य के शीर्ष संस्थानों में चिकित्सा व्यवस्था पर असर पड़ने के बाद सरकार हरकत में आई थी। तभी यह तय हो गया था कि सरकार इस मामले में कुछ बदलाव करेगी।