Coronavirus in Bihar: बिहार के 16 जिलों में नए सिविल सर्जन की तैनाती, 198 अधिकारियों को नोटिस
Coronavirus बिहार के 16 जिलों में नए सिविल सर्जन की तैनाती हुई है। सेवा से गायब 76 अफसरों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 एवं एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत हो सकती है कार्रवाई।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने 16 जिलों में नए सिविल सर्जन तैनात किए हैं। दूसरी ओर कोरोना के दौरान तमाम अवकाश रद रहने के बाद भी सेवा से गायब रहने व अन्य लापरवाही के आरोप में 198 चिकित्सा पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दी गई है। इनमें से 76 चिकित्सा पदाधिकारियों से तीन दिन के अंदर जवाब तलब किया गया है।
नए सिविल सर्जनों को तैनात करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। आदेश के मुताबिक सिविल सर्जन गोपालगंज नंदकिशोर प्रसाद ङ्क्षसह को भागलपुर का क्षेत्रीय मलेरिया पदाधिकारी बनाया गया है। डॉ. संजीव कुमार सिन्हा को दरभंगा का सिविल सर्जन बनाया गया है। डॉ. विमल प्रसाद ङ्क्षसह को नवादा, डॉ.आत्मानंद कुमार को लखीसराय, डॉ. राकेश चंद्र सहाय वर्मा को सीतामढ़ी, डॉ. महेश्वर प्रसाद गुप्ता को कटिहार, डॉ. त्रिभुवन नारायण ङ्क्षसह को गोपालगंज का सिविल सर्जन बनाया गया है।
इसी तरह डॉ. सुनील कुमार झा मधुबनी, डॉ. श्रीनंदन को किशनगंज, डॉ.अवधेश कुमार को सहरसा और डॉ.अति रमन झा को समस्तीपुर का सिविल सर्जन बनाया गया। इनका पदस्थापन एक मई 2020 से प्रभावी होगा । डॉ. विजेंद्र सत्यार्थी को सिविल सर्जन जमुई, डॉ. अजय कुमार ङ्क्षसह को खगड़यिा, डॉ. राजदेव प्रसाद ङ्क्षसह को शिवहर, डॉ. उमेश शर्मा को पूॢणया डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा को सिविल सर्जन सिवान और डॉक्टर सुधीर कुमार को सिविल सर्जन रोहतास के पद पर पदस्थापित किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के 198 चिकित्सा पदाधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना महामारी के खतरों के बीच सेवा में लापरवाही करने के आरोप में नोटिस दी है। इन सभी कर्मचारियों पदाधिकारियो के तमाम अवकाश कोरोना की वजह से रद हैं। हाल ही में पहले 60, इसके बाद 62 और अंत मे 76 चिकित्सा पदाधिकारी सेवा से गायब मिले। सरकार ने इसे घोर लापरवाही माना है। आज विभाग ने जिन 76 चिकित्सा पदाधिकारियों को नोटिस दिया है, उनसे तीन दिन में जवाब तलब किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार इन अफसरों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 एवं एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है।