पीएमसीएच कर्मियों की लापरवाही, परिसर में फेंकी मिली पीपीई किट
पीएमसीएच कर्मियों की लापरवाही परिसर में फेंकी मिली पीपीई किट
पटना। पीएमसीएच परिसर में कोरोना ने शिकंजा भले ही कस दिया हो लेकिन यहां के कर्मचारी तब भी बेपरवाह हैं। वे धड़ल्ले से आइजीआइसी जाने के रास्ते में जहां जूनियर डॉक्टरों के हॉस्टल के बगल व पोस्टमार्टम हाउस के सामने इस्तेमाल की गई पीपीई किट, ग्लव्स और मास्क फेंक रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों के अलावा इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के चिकित्सक भी इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। डॉक्टरों का मानना है कि बारिश के पानी के साथ बहकर यह कई लोगों को कोरोना संक्रमित कर सकता है। कुत्ते और कौवे लगातार वहीं मंडराते रहते हैं, इससे वे भी कोरोना संक्रमण के वाहक बन सकते हैं।
जूनियर डॉक्टरों के अनुसार अबतक पीएमसीएच के शवगृह में रखे आठ शव की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। ऐसे में जो लोग शव रखने आते हैं वे बाहर आने पर पीपीई किट, ग्लव्स और मास्क आदि उतार कर वहीं सामने फेंक देते हैं। पोस्टमार्टम हाउस में शव लेने आए संजय कुमार और रोहित ने बताया कि यहां इतनी गंदगी है कि स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार पड़ जाए।
क्या है नियम :
कोरोना संक्रमितों के इलाज के दौरान इस्तेमाल पीपीई किट, ग्लव्स व मास्क आदि को आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार नष्ट करना है। इसे रखने के लिए अलग से बैग किट के साथ आता है और इसे लगभग चार घटे 1 हजार डिग्री सेल्सियस तापमान में रखने के बाद इंसीनेरेटर में जलाया जाता है। इनसेट :
जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की
दी धमकी तब जागा प्रशासन
पटना : पीएमसीएच में इलाज के दौरान सुरक्षा के लिए पीपीई किट, मास्क और ग्लव्स नहीं मिलने के कारण सोमवार को जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन पर उतर आए। उन्होंने इलाज कार्य बाधित कर दिया। बाद में अधीक्षक डॉ. बिमल कारक के लिखित आश्वासन पर कार्य बहिष्कार खत्म किया। पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के डॉ. हरेंद्र ने बताया कि सुरक्षा उपकरण की कमी, उनके निस्तारण की सुविधा नहीं होने से खुले में फेंकने की मजबूरी के कारण उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। अधीक्षक ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की मांग जायज है।