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एक नजर...कोरोना का तांडव-व्यवस्था को उजागर करतीं मौत की कहानियां, जानकर रूह सिहर जाएगी

CoronaVirus बिहार में एक तरफ कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं तो वहीं व्यवस्था की बदहाली और हो रही मौत की घटनाओं की कहानियां जिसे जानकर आपकी रूह सिहर जाएगी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 04:37 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 09:07 AM (IST)
एक नजर...कोरोना का तांडव-व्यवस्था को उजागर करतीं मौत की कहानियां, जानकर रूह सिहर जाएगी
एक नजर...कोरोना का तांडव-व्यवस्था को उजागर करतीं मौत की कहानियां, जानकर रूह सिहर जाएगी

जागरण टीम, पटना। अन्य प्रदेशों से आ रहे प्रवासी जहां घर पहुंचने के बाद सुकून महसूस कर रहे हैं तो कुछ प्रवासी एेसे भी हैं जिनके दर्द की इंतहा कम होने का नाम नहीं ले रही है। कहीं किसी की गोद सूनी हो रही है तो कहीं बच्चों के सिर से मां का साया छिन जा रहा है। कहीं शव घंटों पड़ रह रहा है तो कहीं प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला को प्रसव के लिए एंबुलेंस नहीं मिलती है। इन सबके दर्द के कई अनकहे किस्से हैं।

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राजधानी एक्सप्रेस के टीटीई की कानपुर में तबियत बिगड़ गई। उन्हें तेज बुखार और खांसी की शिकायत हो रही थी। उनकी खराब तबियत की सूचना कानपुर कंट्रोल रूम को दी गई, लेकिन वहां से उन्हें इलाहाबाद भेज दिया गया। इलाहाबाद में कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था जिसके बाद उन्हें वहां से पटना लाया गया और यहां पटना गंभीर हालत में पटना सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके कोरोना संक्रमित होने की आशंका है। 

कटिहार में स्वास्थ्य जांच के भय से प्राणपुर के एक क्वारंटाइन सेंटर से तीन दर्जन मजदूर फरार हो गए हैं। पुलिस सबकी तलाश कर रही है।  

दिल्ली से वापस मुजफ्फरपुर लौटे एक साढ़े चार साल के बच्चे को दूध नहीं मिला जिससे भूख से तड़पकर उसकी मौत हो गई। बच्चे के पिता ने बदइंतजामी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बच्चे को मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दूध भी नसीब नहीं हुआ। 

जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर का कहना है कि पश्चिमी चंपारण के बच्चे की मौत बीमारी से हुई है। प्रशासन द्वारा बच्चे के शव और स्वजनों को एंबुलेंस के जरिये उनके घर भेज दिया गया है।

ट्रेन से उतरे बीमार मजदूर की इलाज के दौरान मौत

छपरा जंक्शन पर मंगलवार की रात मुंबई से कटिहार जा रही श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से एक बुखार से पीडि़त मजदूर को उतारा गया। उसकी सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक भागलपुर के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के किला टोला पूरेली गांव का रहनेवाला था और उसका नाम मोहम्मद मूसा बताया जा रहा है। चिकित्सक डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि उस युवक को 106 डिग्री बुखार था। उसके शव को कोरोना जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है।  

भूख से परेशान प्रवासियों ने लूट ली खाने की पैकेट-पानी की बोतलें

दानापुर से मधुबनी के लिए खुली श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिना कारण के सुबह 9.49 बजे से 10.59 बजे तक पाटलिपुत्र के प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर रोक दी गई। भूख-प्यास से बिलबिलाए प्रवासी श्रमिक ट्रेन से उतरकर हंगामा करने लगे। इसी दौरान प्लेटफार्म संख्या एक पर रेल नीर की करीब चार सौ से अधिक बोतलें और खाने का पैकेट दिख गया। प्रवासियों ने सारे पैकेट व बोतलें लूट ली।

महाराष्ट्र के पुणे, शोलापुर समेत अन्य शहरों से आने वालों ने दानापुर स्टेशन परिसर में बने नियंत्रण कक्ष में भोजन न मिलने की शिकायत की। भोजन देने की बजाय अधिकारियों द्वारा डांट कर भगाने की भी बात कही।

प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला, नहीं मिली मेडिकल सहायता

बरबीघा के राज राजेश्वर हाई स्कूल क्वारंटाइन सेंटर में सोमवार की देर रात प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को सूचना देने के बाद कोई मेडिकल सहायता नहीं मिली। उसने सेंटर पर ही बच्चे को जन्म दिया। 

पीडि़ता ने बताया कि दो बजे रात्रि को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल को सूचना दी गई, लेकिन वहां से न तो एंबुलेंस भेजी गई ना ही कोई मेडिकल सहायता मिली।

शव के साथ ट्रेन में सफर करते रहे परिजन

गुजरात के वापी से श्रमिक ट्रेन द्वारा मंगलवार को भागलपुर पहुंचे दरभंगा के वभनटोली निवासी लाल बाबू कामत (52) की मौत हो गई। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल, भागलपुर में शव का पोस्टमार्टम किया गया। कोरोना जांच के लिए भी शव के सैंपल लिए गए। इसे लेकर रेल थाने में यूडी केस दर्ज किया गया है। 

पत्नी कृष्णा देवी ने बताया कि 23 मई को वापी से भागलपुर के लिए खुली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में वह परिवार के साथ सवार हुए थे। रास्ते में तबीयत खराब हो गई। दवा देने के बाद भी स्थिति ठीक नहीं हुई। जमालपुर से ट्रेन खुलने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। जमालपुर से भागलपुर के बीच एक घंटे तक स्वजन शव के साथ सफर करते रहे। 

ठेला पर भाई के शव को लादकर ले आया, नहीं मिला स्ट्रेचर 

लॉकडाउन मेें पुणे में फंसे एक प्रवासी की बिहार लौटने की आस तो पूरी हो गई लेकिन घर वालों से मिलने की हसरत अधूरी ही रह गई। भागन बिगहा ओपी क्षेेत्र में फोरलेन पर मंगलवार को मैजिक की टक्कर से ऑटो पर सवार प्रवासी मजदूर की मौत हो गई। जबकि, उसके दो भाई घटना में जख्मी हो गए। सड़क पर घायल दोनों भाई मदद के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने मदद नहीं की।

मौके से गुजर रहे इंजन चालित ठेला चालक तैयार हुआ तो उसपर मृतक भाई के शव को लाद कर सदर अस्पताल ले आए। लेकिन उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिली। इसके बाद दोनों भाई शव को गोद में लेकर इमरजेंसी वार्ड गए। किसी तरह जख्मी भाई समीरउद्दीन और जाहिद आलम का इलाज अस्पताल में कराया गया। तीनों भाई महाराष्ट्र के पुणे से लौटे थे। पटना से ऑटो रिजर्व कर नवादा जाने के क्रम में घटना हुई। 

ट्रेन में भूख से तड़तकर मजदूर की चली गई जान

सूरत से वैशाली के लिए निकला प्रवासी मजदूर पांच दिन बाद भी घर नहीं पहुंच सका। सासाराम से गया के रास्ते पटना आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में ही उसकी मौत हो गई।  मृतक के भाई कृष्णा कुमार ने बताया कि वे दोनों सोमवार से ही भूखे थे। रास्ते में कुछ भी खाने को नहीं मिला थाबीच सफर में ही सरोज की तबीयत खराब हो गई और उसने दम तोड़ दिया। 

अहमदाबाद से मुजफ्फरपुर के लिए चली विशेष श्रमिक ट्रेन में कटिहार जिले आजमनगर थाना के आजमनगर स्व. इस्लाम की पत्नी अरबीना खातून (31 वर्ष) की मौत ट्रेन में सफर के दौरान मुजफ्फरपुर पहुंचने से कुछ समय पूर्व हो गई। रेल पुलिस ने प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर उसका शव उतारा। अरबीना खातून की मौत के बाद तीन वर्षीय रहमत और चार वर्षीय अरमान अनाथ हो गए हैं। अरबीना के पति इस्लाम की पहले ही मौत हो चुकी है।

प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर अरबीना के शव के पास अरबीना के दोनों बच्चे अपनी मृत मां को जगा रहे थे जिसका दृ्श्य देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ गए। 

ट्रेन में ही हो गई अधेड़ की मौत, पड़ा रहा शव 

 चेन्नई से झंझारपुर घर के लिए रवाना हुए एक अधेड़ की मौत विशेष ट्रेन में ही हो गई। मंगलवार देर रात को ट्रेन पहुंची तो इसकी जानकारी स्थानीय व रेल प्रशासन के पदाधिकारियों को हुई। मगर, शव को ट्रेन के यहां पहुंचने के करीब आठ घंटे बाद उतारा गया। 


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