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बिहार में बच्चों और बुजुर्गों समेत हजारों डूबते के लिए सहारा बनी NDRF, 12 जिलों में तैनात हैं 21 टीमें

एनडीआरएफ की टीम बिहार में आई बाढ़ में फंसे बच्चों महिलाओं बुजुर्गों समेत हजारों लोगों के लिए आफत में राहत लेकर आई है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 08:08 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 08:08 PM (IST)
बिहार में बच्चों और बुजुर्गों समेत हजारों डूबते के लिए सहारा बनी NDRF, 12 जिलों में तैनात हैं 21 टीमें
बिहार में बच्चों और बुजुर्गों समेत हजारों डूबते के लिए सहारा बनी NDRF, 12 जिलों में तैनात हैं 21 टीमें

श्रवण कुमार, पटना। दुधमुंहे बच्चों से लेकर खाट पर पड़े बुजुर्गों के लिए बाढ़ की विभीषिका जानलेवा आफत बनकर आई है। राज्य के कई इलाकों में रातोंरात तटबंध ध्वस्त होने से गांव के गांव जलमग्न हो रहे हैं। फंसे बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों समेत हजारों लोगों के लिए आफत में भी एनडीआरएफ की टीम आस की किरण बनकर पहुंच रही है। अभी 12 जिलों में एनडीआरएफ की 21 टीमें बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। तीन-तीन टीमें गोपालगंज और पटना जिले में, दो-दो टीमें पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सारण, दरभंगा एवं सुपौल जिले में और एक-एक टीम कटिहार, किशनगंज, अररिया, मधुबनी व मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए तैनात की गई हैं। दूसरी ओर बाढ़ पीडितों के निवाले के लिए राजधानी में राहत के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन की पूरी टीम कोरोना के मानकों का पालन करते हुए पैकेट तैयार करने में लगी हुई है। 

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राहत के पांच हजार पैकेट हेलीकॉप्टर से भेजे गए

बाढ़ पीड़ितों के लिए पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में राहत के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। कोरोना के मानकों का पालन करते हुए प्रशासन की टीम मुस्तैदी से पैकेट तैयार करने में लगी हुई है। खुद जिलाधिकारी कुमार रवि मॉनीटरिंग कर रहे हैं। शनिवार को 1940 पैकेट तैयार कर हेलीकॉप्टर से प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया। रविवार को तीन हजार पैकेट तैयार कर लिया गया। 

भवानीपुर गांव में मासूमों और बुजुर्गों को निकाला 

तीन दिन पूर्व गंडक नदी में बाढ़ के पानी के दबाव से पूर्वी चम्पारण जिला के संग्रामपुर प्रखंड के भवानीपुर गांव के नजदीक तटबंध अचानक टूट गया। तटबंध टूटते ही भवानीपुर ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से पानी भर गया और हजारों लोगों की जान मुसीबत में आ गई। स्थानीय जिला प्रशासन के साथ मिलकर एनडीआरएफ के टीम ने कमान संभाली । एनडीआरएफ की नौवीं बटालियन की दो टीमें बाढ़ प्रभावित इलाके में रात में पहुंचकर  बचाव ऑपेरशन चलाया। अपने जान की परवाह किये वगैर अदम्य साहस और  कौशल का उत्कृष्ट परिचय देते हुए मुसीबत में फंसे हजारों ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया। ऑपेरशन के दौरान बच्चों, महिलाओं और वृद्ध व्यक्तियों का खास ध्यान रखा गया। एनडीआरएफ ने स्थानीय लोगों के मवेशियों को भी बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित निकालने में मदद की। 

सिकराहना में ईंट भट्ठे पर फंसे लोगों को रेस्क्यू कर बचाया

पश्चिम चम्पारण जिला के बेतिया में तैनात एनडीआरएफ के टीम कमान्डर सुधीर कुमार के नेतृत्व में रात्रि रेस्क्यू ऑपेरशन चलाकर सिकराहना नदी बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया गया। सिकराहना नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से कई बुजुर्ग मजदूर एक ईंट भट्ठा पर फंस गए। ईंट भट्ठा का इलाका बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर चुका था। जैसे-जैसे रात ढल रही थी उनकी चिन्ता बढ़ती जा रही थी। भयाक्रान्त होकर मदद के लिए वे लोग चिल्ला-चिल्ला कर गुहार लगा रहे थे। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम रात लगभग एक बजे पहुंच कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

तेज धार में फंसे नौका सवारों को बचाया गया

शनिवार को पूर्वी चम्पारण जिलान्तर्गत संग्रामपुर प्रखंड में रेस्क्यू ऑपेरशन में जुटी एनडीआरएफ की टीम ने गंडक नदी की धारा में फंसी एक नौका को देखा। इसमें लगभग 40 लोग सवार थे। एनडीआरएफ रेस्क्यू बोट पर सहायक कमान्डेंट अरविन्द मिश्रा और अरेराज अनुमंडल के अनुमंडलाधिकारी मौजूद थे। नौका के नजदीक जाने पर एनडीआरएफ के कार्मिकों को मालूम चला कि  इंजन में तकनीकी खराबी आने की वजह से नौका अनियंत्रित होकर बाढ़ की तेज धारा में बहने लगी। फिर नौका चालकों ने बहुत मुश्किल से नाव को एक पेड़ की मदद से रोका। दो घंटों तक नौका तेज धारा में फंसी रही और उसमें सवार 40 स्थानीय लोगों के जान पर आफत आ गई। एनडीआरएफ की टीम ने फंसी नौका और उसपर सवार सभी लोगों को सुरक्षित किनारे तक पहुंचाया।


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