लालू की गैर मौजूदगी का फायदा उठाने की जुगत में NDA, ये है पार्टी का फ्यूचर प्लान
राज्य की एनडीए सरकार लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के मुद्दे को उनकी गैरमौजूदगी को लेकर अपना फ्यूचर प्लान बनाने में लगी है।
पटना [रमण शुक्ला]। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने भले ही जेल से अपने समर्थकों को एकजुट रखने के लिए भावनात्मक खत लिखा है, लेकिन राजग की कोशिश उनकी गैरमौजूदगी का फायदा उठाने की है। लालू के खत के मुकाबले राजग के घटक दलों ने प्लान तैयार कर लिया है।
जदयू नेताओं ने सामाजिक बदलाव की फेहरिस्त लेकर प्रदेश में निकलने का कार्यक्रम तैयार किया है तो भाजपा भ्रष्टाचार पर चोट कर दलितों और पिछड़ों के बीच पैठ बनाने-बढ़ाने के लिए विकास के रोडमैप को भुनाने की तैयारी में है। सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से 2005 में राजद को सत्ता से बाहर करने के बाद से लेकर मौजूदा समय तक की उपलब्धियों को गांव-गांव तक पहुंचाने की तैयारी है।
भाजपा का फोकस मुख्य रूप से पिछड़ों, दलितों, महादलितों और अल्पसंख्यकों के लिए शुरू की गई योजनाओं पर रहेगा। पार्टी कर्पूरी ठाकुर की जयंती, संत रविदास की जयंती जैसे आयोजनों के जरिए पिछड़ों और दलितों को अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश करेगी। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि राजग सरकार में कैसे पहली बार पंचायतों और नगर निकायों में दलितों-पिछड़ों को 50 फीसद आरक्षण दिया गया है।
भाजपा की कोशिश आधी आबादी को प्रभावित करने की भी होगी। राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसद आरक्षण के साथ-साथ दहेजबंदी एवं बाल विवाह के खिलाफ अभियान के जरिए समाज सुधार की पहल जैसी डेढ़ दर्जन योजनाएं भी सत्तारूढ़ गठबंधन की सूची में प्रमुखता से शामिल की जाएंगी।
बिहार का चार दिनों का दौरा करने के बाद लौटे भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश पार्टी के आला नेताओं को अररिया लोकसभा और जहानाबाद व भभुआ विधानसभा उप चुनाव में लालू के वोट बैंक पर चोट करने और राजग की उपलब्धियों को भुनाने की सियासी शिल्प-शैली समझा गए।
संगठन विस्तार और राजद के खिलाफ माहौल बनाने के लिए शिव प्रकाश ने पार्टी नेताओं को शक्ति केंद्रों और बूथ कमेटियों के गठन के काम को शीघ्र अमलीजामा पहनाने की नसीहत दी। उधर, जदयू ने शराबबंदी, दहेजबंदी, बाल विवाह पर रोक के फायदे को महिलाओं के जरिए गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।