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'न्यूटन' के आत्मा सिंह, पंकज त्रिपाठी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले पंकज त्रिपाठी को हिंदी फिल्म न्यूटन में बेहतरीन अभिनय के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में स्पेशल मेंशन अवॉर्ड मिला है। इस खबर से पूरे बिहार में खुशी का माहौल है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 03:59 PM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 10:12 PM (IST)
'न्यूटन' के आत्मा सिंह, पंकज त्रिपाठी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
'न्यूटन' के आत्मा सिंह, पंकज त्रिपाठी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

पटना [जेएनएन]। गोपालगंज जिले के रहने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी को फिल्म न्यूटन में बेहतर अभिनय के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा जाएगा। साल 2017 में रिलीज हुई फिल्म न्यूटन में शानदार अभिनय के लिए पंकज त्रिपाठी को स्पेशल मेंशन अवॉर्ड मिला है। इस खबर से पूरे बिहार में खुशी का माहौल है।

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इससे पहले पंकज त्रिपाठी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडण्वीस ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया, इस समारोह में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद थे।

राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की पंकज को है खुशी 

पुरस्कार मिलने पर अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने खुशी जाहिर की है। पंकज ने कहा कि पुरस्कार किसी भी कलाकार के लिए औषधि, संजीवनी बूटी की तरह काम करती है। किसी भी कलाकार को सम्मान मिलने उसे हौसला देता है और अच्छा से अच्छा करने के लिए प्रेरित करता है।

इस सवाल पर कि क्या उन्हें पुरस्कार मिलने की उम्मीद थी उन्होंने कहा कि पुरस्कार मिलने की तो मुझे उम्मीद नहीं थी, हालांकि फिल्म काफी अच्छी थी। भविष्य को लेकर पंकज ने कहा कि कोशिश करेंगे अच्छी से अच्छी फिल्में बनाई जाए और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे।

क्या है न्यूटन की कहानी 

न्यूटन फिल्म की कहानी भारत की चुनाव प्रणाली पर है. फिल्म में राजकुमार राव आदर्शवादी युवा का भूमिका में दिखे हैंं, जो नाबालिग लड़की से शादी करने से इनकार कर देता है। इस किरदार को राजकुमार राव ने निभाया है, वहीं ' न्यूटन ' फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने भी जबर्दस्त अभिनय किया है।कहानी एक ऐसे छोटे टीम की है, जो छतीसगढ़ के जंगलों में जाकर चुनाव कराने का जिम्मा है। 

पंकज त्रिपाठी को बचपन से ही था एक्टिंग का शौक

पंकज त्रिपाठी बेहद सामान्य परिवार से आने वाले अभिनेता हैं। उनके पैतृक गांव में उनके माता - पिता सिनेमाई दुनिया से अनजान बेहद सामान्य जीवन जी रहे हैं। पंकज त्रिपाठी का अभिनय से नाता बचपन से ही जुड़ गया था।

छठ पूजा के दौरान होने वाले नाटक में वह लड़की का किरदार निभाते थे। धीरे - धीरे उनका मन एक्टिंग में रमने लगा। पटना में उन्होंने फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया में थोड़े दिनों के लिए इंटर्न किया। इस दौरान उन्होंने मौर्या होटल में बतौर ट्रेनी के रूप में काम किया।

लेकिन उनका मन एक्टिंग की ही ओर था। इस तीव्र इच्छा ने उन्हें एनएसडी तक पहुंचा दिया। पंकज त्रिपाठी को पहचान 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' फिल्म से मिली। इस फिल्म की सफलता ने उनके संघर्ष को खत्म कर दिया और सुल्तान कुरैशी की किरदार में वह इतने जमे की उनके पास फिल्मों की कतार लग गयी। फिर फिल्म मसान में भी उनकी भूमिका को सराहा गया।


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