बिहार में 31 अक्टूबर तक मतदाता सूची में जोड़ा जायेगा नाम
बिहार में वोटरलिस्ट में नाम शामिल करने के लिए एक बार फिर अभियान शुरू किया गया है। 31 अक्टूबर तक सूची में नाम जोड़ने के लिए दावा और आपत्ति की जा सकती है।
पटना [जेएनएन]। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अजय नायक ने बुधवार को कहा कि मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए फिर अभियान शुरू किया गया है। जो लोग अभी तक मतदाता सूची में अपना नाम शामिल नहीं करा सकें हैं उनके लिए 31 अक्टूबर तक मौका है।
राज्य में आधी आबादी की जागरूकता प्रत्येक क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है। निर्वाचन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पिछले दस महीने में महिला मतदाताओं की संख्या में पांच लाख की वृद्धि हुई है, जो पुरुषों की तुलना में एक लाख अधिक है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि राज्य में जनवरी 2017 की तुलना में चार अक्टूबर तक कुल नौ लाख मतदाता बढ़े हैं। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या पांच लाख है। राज्य में कुल मतदाता 6.93 करोड़ हैं। इनमें 18-19 आयु वर्ग के नए मतदाताओं की संख्या 4.42 लाख हो गई है, जो पिछले साल 5.50 लाख थी।
नायक के मुताबिक अभी जनवरी तक नए मतदाताओं की संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि नई उम्र के कुछ मतदाता पढऩे या रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों में चले जाते हैं। इस कारण भी वे मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित रह जाते हैं।
वोटर बनने का 31 तक मौका
मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए फिर अभियान शुरू किया गया है। जो लोग अभी तक मतदाता सूची में अपना नाम शामिल नहीं करा सकें हैं उनके लिए 31 अक्टूबर तक मौका है। भारत का कोई भी नागरिक जो एक जनवरी 2018 तक 18 वर्ष की उम्र पूरी कर लेगा वह सूची में नाम जोडऩे के लिए अपना दावा या किसी भी तरह की आपत्ति 31 अक्टूबर तक जिला निर्वाचन कार्यालय, बीएलओ या संबंधित अधिकारी के पास कर सकता है।
11 से 18 अक्टूबर तक ग्र्राम सभा या स्थानीय निकायोंं पर सूची का प्रकाशन होगा। 14 से 21 अक्टूबर तक राजनीतिक दलों के साथ दावा आपत्ति को लेकर बैठक होगी। इसी तरह 30 नवंबर तक सभी दावों का निष्पादन कर लिया जाएगा और 10 जनवरी को अंतिम रूप से सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा।
तबादले पर रहेगी रोक
निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि प्रक्रिया के जारी रहने तक मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लगे अफसरों एवं कर्मचारियों के तबादले पर रोक रहेगी। नई व्यवस्था के मुताबिक अब ग्रामीण क्षेत्रों में एक बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, जबकि शहरी क्षेत्रों के लिए यह संख्या 1400 निर्धारित की गई है।