Move to Jagran APP

दीक्षा समारोह: 98 साल के राजकुमार को डिग्री दे धन्‍य हुई नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी

पटना के नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के लिए यह ऐतिहासिक पल था। दीक्षा समारोह में 98 साल के छात्र को उपाधि प्रदान कर यूनिवर्सिटी ने खुद को गौरवान्वित महसूस किया।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 26 Dec 2017 08:19 PM (IST)Updated: Wed, 27 Dec 2017 10:01 PM (IST)
दीक्षा समारोह: 98 साल के राजकुमार को डिग्री दे धन्‍य हुई नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी
दीक्षा समारोह: 98 साल के राजकुमार को डिग्री दे धन्‍य हुई नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी

पटना [जेएनएन]। यह किसी भी यूनिवर्सिटी के दीक्षा समारोह की तरह ही दीक्षा समारोह था। लेकिन, एक छात्र ऐसा था, जिसे सम्‍मानित कर न केवल यूनिवर्सिटी ने खुद को गौरवान्वित महसूस किया। ऐसा हो भी क्‍यों नहीं। आखिर छात्र ने भी तो इतिहास रच दिया था। हम बात कर रहे हैं पटना के सम्राट अशोक कंवेंशन सेंटर में मंगलवार को संपन्‍न नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (एनओयू) के दीक्षा समारोह की।

एनओयू का 12वां दीक्षा समारोह मंगलवार को सम्राट अशोक कंवेंशन सेंटर के बापू सभागार में संपन्‍न हुआ। इसके मुख्य अतिथि मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद और कुलाधिपति सह राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने टॉपर्स को गोल्ड मेडल दिए। साथ ही 22,100 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। रजिस्ट्रार प्रो. एसपी सिन्हा ने बताया कि 29 में 20 गोल्ड मेडल छात्राओं को मिले।

loksabha election banner



दीक्षा समारोह में आकर्षण के केंद्र रहे 98 वर्षीय छात्र राजकुमार वैश्य। दीक्षा समारोह के इतिहास में पहली बार 98 साल के किसी छात्र को उपाधि दी गई। मूल रूप से उत्‍तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले तथा वर्तमान में  पटना के निवासी राजकुमार वैश्‍य ने 98 साल की उम्र में अर्थशास्‍त्र से एमए का कोर्स बीते सितंबर में पूरा किया। जब वह अपनी उपाधि लेने जब पहुंचे तो प्रशंसा की तालियों से हॉल गूंज उठा।

राजकुमार वैश्‍य ने 1938 में आगरा विवि से अर्थशास्‍त्र विषय में स्‍नातक किया था। आगे उन्‍होंने 1940 में लॉ से स्‍नातक किया। इसके बाद पढ़ाई से टूटा नाता अब जाकर जुड़ा था। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय बहू भारती एस कुमार और बेटे संतोष कुमार को दिया। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने भी उन्‍हें उपाधि प्रदान करने को विवि के इतिहास में स्वर्णिम घटना बताया।



उपाधि ग्रहण करने के बाद राजकुमार ने बताया कि उन्‍होंने स्‍नातकोत्‍तर होने के अपने सपने को पूरा कर लिया है। इस उम्र में स्‍नातकोत्‍तर डिग्री हासिल कर लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में सबसे बुजुर्ग के तौर पर दर्ज राजकुंमार ने नई पीढ़ी को जिंदगी में हमेशा कोशिश करते रहने की सलाह दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.