नागमणि बोले: कुशवाहा ने नौ करोड़ में बेच दी टिकट, रालोसपा ने किया पलटवार
रालोसपा में आंतरिक विवाद की ताजा कड़ी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि का इस्तीफा है। इस्तीफा देने के साथ उन्होंने पार्टी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) में ऑल इज वेल नहीं लग रहा है। कभी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा के करीबी रहे नागमणि ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। नागमणि के अनुसार कुशवाहा ने आगामी लोकसभा चुनाव में मोतिहारी सीट के लिए पार्टी का टिकट नौ करोड़ रुपये में बेंच दिया है। खास बात यह भी है कि कभी कुशवाहा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी अधिक प्रभावशाली बता चुके नागमणि ने अब कुशवाहा को केवल एक सीट देने की अपील महागठबंधन से की है। उधर रालोसपा ने नागमणि के आरोप को बेबुनियाद बताया है। कहा कि जब महागठबंधन में टिकट का अभी तक डिसीजन ही नहीं हुआ है, तो खरीद-बिक्री का अारोप समझ से परे है।
इस कारण दिया इस्तीफा
विदित हो कि कुशवाहा ने नागमणि को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के पद से हटाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। शुक्रवार को नागमणि एक समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दिखे थे तथा उनकी तारीफ की थी। इसके बाद जारी पार्टी के नोटिस का जवाब नागमणि को तीन दिनों में देना था। इसी बीच सोमवार को उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
लगाया टिकट बेंचने का आरोप
इस्तीफा देने के बाद नागमणि ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने टूजी स्कैम में फंसी एक कंपनी के अधिकारी को नौ करोड़ रुपये में मोतिहारी सीट का टिकट बेंच दिया है। इससे पार्टी की मोतिहारी इकाई में नाराजगी है। नागमणि ने कहा कि इससे अवगत कराने पर कुशवाहा ने कहा कि उन्हें पार्टी चलाने व चुनाव लड़ने के लिए रुपये चाहिए।
नागमणि ने कहा कि पार्टी फंड के नाम पर लिए गए ये रुपये दरअसल महागठबंधन की बनने वाली अगली संरकार को टू जी स्कैम में मैनेज करने की कोशिश है। नागमणि के अनुसार अगली सरकार महागठबंधन की बनेगी, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
कहा: लाठीचार्ज में घायल नहीं हुए थे कुशवाहा
नागमणि ने इसके पहले बीते दिनों रालोसपा के शिक्षा सुधार की मांग को लेकर किए गए आक्रोश मार्च के दौरान लाठीचार्ज में उपेंद्र कुशवाहा के घायल होने की खबर का भी खंडन किया। वहीं अब रालोसपा ने बयान जारी कर नागमणि के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए इस पर आश्चर्य व्यक्त किया है। पार्टी के प्रदेश महासचिव सत्यानंद प्रसाद दांगी ने कहा कि जब महागठबंधन में टिकट ही नहीं बंटा है तो इस तरह के आरोप के बारे में सुनकर आश्चर्य होता है। दांगी ने कहा कि दरअसल नागमणि अपने और अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के मना करने पर वे पार्टी गतिविधियों में शामिल हो गए। उन्होंने हमला करते हुए कहा कि वे बताएंगे कि वे कितने पैसे दिए। दांगी ने कहा कि जहां तक जनाधार वाली बात है तो नागमणि बताएंगे कि उन्हें पिछला चुनाव में कितना वोट आया था।