पत्नी संग बिहार पहुंचे म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट, बोधगया में पूजा-अर्चना कर हुए अभिभूत
म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट व उनकी पत्नी दाउ चो चो ने शुक्रवार को बोधगया पहुंच महाबोधि मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इस अवसर पर उनके साथ 28 सदस्यीय शिष्टमंडल भी था
गया, जेएनएन। म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट व उनकी पत्नी दाउ चो चो ने शुक्रवार को बोधगया पहुंच महाबोधि मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इस अवसर पर उनके साथ 28 सदस्यीय शिष्टमंडल भी था, जिसमें तीन कैबिनेट मंत्री व रखेन स्टेट के मुख्यमंत्री भी शामिल रहे। बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति की अतिथि पंजिका में उन्होंने लिखकर भव्य स्वागत प्रबंध के लिए भारत सरकार का शुक्रिया जताया। उन्होंने लिखा, 'थेरवादी बौद्ध उपासक के रूप में मेरा यह सौभाग्य है कि मुझे अति पवित्र भूमि को नमन करने का मौका मिला। मुझे पवित्र बोधिवृक्ष की पूजा-अर्चना करने का अवसर मिला। यादगार यात्रा के प्रबंध के लिए मैं अपने और सहयोगियों की ओर से भारत सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।'
इससे पहले महाबोधि मंदिर पहुंचने पर राष्ट्रपति व उनकी पत्नी और 28 सदस्यीय शिष्टमंडल का स्वागत भिक्षु प्रभारी भंते चालिंदा व सदस्य डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने खादा भेंटकर किया। एयर इंडिया के विशेष विमान से सुबह करीब साढ़े नौ बजे गया अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचने पर राज्य के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, गया के सांसद विजय कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त असंगबा चुबा आओ, आइजी राकेश राठी, डीएम अभिषेक सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा, विमानपत्तन निदेशक दिलीप कुमार ने उनका पुष्पगुच्छ भेंटकर अभिनंदन किया। एयरपोर्ट पर दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्रपति व शिष्टमंडल को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराया। एयरपोर्ट के बाहर डीपीएस के छात्रों ने भारत-म्यांमार का राष्ट्र ध्वज लहराकर शिष्टमंडल का अभिवादन किया।
राष्ट्रपति ने अपनी पत्नी व शिष्टमंडल के साथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना कर बुद्ध प्रतिमा को चीवर अर्पित किया। उसके बाद राष्ट्रपति ने महाबोधि मंदिर को तीन फीट ऊंची अष्टधातु की भूमि स्पर्श मुद्रा की बुद्ध प्रतिमा भेंट की। उन्होंने महाबोधि मंदिर परिसर स्थित भगवान बुद्ध से जुड़े सात स्थानों का परिभ्रमण कर नमन किया और साधना उद्यान में शांति घंटा बजा विश्व शांति की कामना की। दोपहर बाद राष्ट्रपति म्यांमार विहार गए। जहां मंदिर में पूजा-अर्चना कर गुप्त दान दिया। उन्होंने पत्नी व शिष्टमंडल के साथ आदि शंकराचार्य मठ परिसर में पूजा की। उसके बाद म्यांमार के राजा मिंडोमिन द्वारा लगाए गए शिलापट का अवलोकन किया और 80 फीट की विशाल बुद्ध प्रतिमा का दर्शन किया।