National water way: पटना से चार कंटेनर सामान लेकर आज कोलकाता रवाना होगा एमवी टैगोर जहाज
वाराणसी से पटना के बीच राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-एक गंगा मार्ग पर पहली बार सफलतापूर्वक चला जहाज 28 दिसंबर को वाराणसी से चला दो को पटना पहुंचा सड़क व रेल मार्ग की अपेक्षा बेहद सस्ता और सुरक्षित है जलमार्ग
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। जहाजरानी मंत्रालय, भारत सरकार की बेहद महत्वाकांक्षी योजना सफलता से महज कुछ कदम दूर है। नवविकसित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-एक से गंगा के रास्ते कंटेनर लेकर वाराणसी से चलकर दो जनवरी को गायघाट स्थित बंदरगाह पहुंचा मालवाहक जहाज रविंद्र नाथ टैगोर आज कोलकाता स्थित हल्दिया बंदरगाह के लिए रवाना होगा। ट्रायल के लिए निकले इस जहाज पर पटना से कार्बन डस्ट भरा चार कंटेनर लोड किया गया। भद्रघाट में बने पीपा पुल को खोलकर इस जहाज को आगे निकाला गया।
पटना में लोड किए गए बरौनी से लाए गए चार कंटेनर
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के सहायक निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि वाराणसी से हल्दिया के बीच की दूरी 1390 किलोमीटर जलमार्ग में से लगभग 435 किलोमीटर दूरी तक कर रविंद्र नाथ टैगोर जहाज पटना पहुंचा है। बरौनी से आए कार्बन के 25 टन का चार कंटेनर लोड किया गया है। उन्होंने बताया कि टैगोर जहाज की क्षमता 350 टन भार लादने की है। वाराणसी से पटना पहुंचने के दौरान गंगा मार्ग में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई।
और कारगो मिलने के इंतजार में होती गई देर
छह दिनों में मालवाहक जहाज के वाराणसी से पटना पहुंचने और यहां के बंदरगाह से हल्दिया के लिए निकलने में लगभग दस दिन लग जाने के मामले में सहायक निदेशक ने बताया कि और कारगो मिलने की उम्मीद थी। इसके लिए प्रयास किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि सड़क, रेल एवं हवाई मार्ग की अपेक्षा जलमार्ग से माल की ढुलाई बेहद सस्ते में और सुरक्षित तरीके से हो जाती है। उन्होंने माल ढुलाई के लिए जलमार्ग का रास्ता अपनाने को प्रेरित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिखाई थी रुचि
वाराणसी से हल्दिया चल कर माल पटना के लोअर लेवल और अपर लेवल जेटी पर उतारना तथा सड़क मार्ग से गंतत्व स्थान तक पहुंचाना बेहद आसान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक के गंगा पर बने देश का पहला मल्टी मॉडल टर्मिनल 12 नवंबर 2018 को राष्ट्र को समर्पित किया था।