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Muzaffarpurpur Shelter Home Case: मास्‍टरमाइंड ब्रजेश ने सजा के खिलाफ की अपील, दिल्ली हाई कोर्ट ने CBI से मांगा जवाब

Muzaffarpurpur Shelter Home Case मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्‍कर्म व प्रताड़ना मामले में ब्रजेश ठाकुर ने अपनी उम्रकैद को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पूरा मामला जानिए यहां।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 02:10 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 02:42 PM (IST)
Muzaffarpurpur Shelter Home Case: मास्‍टरमाइंड ब्रजेश ने सजा के खिलाफ की अपील, दिल्ली हाई कोर्ट ने CBI से मांगा जवाब
Muzaffarpurpur Shelter Home Case: मास्‍टरमाइंड ब्रजेश ने सजा के खिलाफ की अपील, दिल्ली हाई कोर्ट ने CBI से मांगा जवाब

पटना, जेएनएन। बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह प्रताड़ना व यौन शोषण के मामले (Muzaffarpur Shelter Home Case) में उम्रकैद की सजा काट रहे मास्‍टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर (Brajesh Thakur) की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने सीबीआइ (CBI) को नोटिस जारी किया है। ब्रजेश ठाकुर ने 20 जनवरी को निचली अदालत दिल्‍ली की साकेत कोर्ट (Saket Court) द्वारा दिए गए फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

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क्‍या है पूरा मामला, जानिए

विदित हो कि साल 2019 में बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 40 लड़कियों के साथ दुष्कर्म (Dirty Act) व उनकी प्रताड़ना (Atrocity) का मामला में सामने आने पर हड़कम्‍प मच गया था। इस मामले काे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट ने उजागर किया था। ब्रजेश ठाकुर सहित सभी आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए। मामले ने तूल पकड़ा तो इसकी जांच सीबीआइ को दी गई। इस हाई प्रोफाइल मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हस्‍तक्षेप किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ब्रजेश ठाकुर को बिहार से हटाकर पंजाब की जेल में भेज दिया गया तथा मुकदमे की सुनवाई दिल्‍ली की साकेत कोर्ट में स्‍थानांतरित कर दी गई। साकेत कोर्ट ने मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा दी।

उम्रकैद के फैसले को दी चुनौती

ब्रजेश ठाकुर ने निचली अदालत द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा को दिल्‍ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। ब्रजेश ने कोर्ट के फैसले को हड़बड़ी में लिया गया बतायते हुए कहा है कि इसमें कई बिंदुओं पर विचार ही नहीं किया गया। उसके अनुसार आरोप लगाए जाने की स्थिति में यह देखना जरूरी है कि आरोपित लगाए गए आरोप को करने में सक्षम है या नहीं। दुष्‍कर्म के आरोप की स्थिति में उसका पोटेंसी टेस्‍ट कराया जाना चाहिए था, जो जांच एजेंसियों ने नहीं कराया। कोर्ट ने भी इसपर ध्‍यान नहीं दिया।

अब अगली सुनवाई 25 अगस्‍त को

बगजेश ठाकुर की अपील पर इसपर जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने सुनवाई के बाद सीबीआइ को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़ी जानकारियां मांगी हैं। मुकदमे की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।


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