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बिहार में 17 नवंबर तक बिक सकेगा ब्लेंडेड सरसों तेल, जानें इससे क्वालिटी में कितना पड़ेगा फर्क

सरसों तेल में किसी दूसरे खाद्य तेल की मिलावट रोकने का आदेश एफएसएसएआइ ने स्थगित कर दिया है। इसका कारण पिछले वर्ष 17 नवंबर को एफएसएसएआइ द्वारा ब्लेंडेड इडिबल वेजिटेबल आयल की बिक्री और निर्माण के जारी लाइसेंस व कृषि मंत्रालय द्वारा एगमार्क देने को माना जा रहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 10:28 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 10:28 PM (IST)
बिहार में 17 नवंबर तक बिक सकेगा ब्लेंडेड सरसों तेल, जानें इससे क्वालिटी में कितना पड़ेगा फर्क
बिहार में 17 नवंबर तक ब्लेंडेड सरसों का तेल बिक सकेगा। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : सरसों तेल में किसी दूसरे खाद्य तेल की मिलावट रोकने का आदेश भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने 17 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। इसका कारण पिछले वर्ष 17 नवंबर को एफएसएसएआइ द्वारा ब्लेंडेड इडिबल वेजिटेबल आयल की बिक्री और निर्माण के जारी लाइसेंस व कृषि मंत्रालय द्वारा एगमार्क देने को माना जा रहा है। लाइसेंस व एगमार्क एक वर्ष के जारी किए जाते हैं। अवधि पूर्ण होने के पूर्व विरोधाभासी नियम लागू होने में हो रही परेशानी को देखते हुए 17 नवंबर 2021 तक ब्लेंडेड सरसों तेल की बिक्री नहीं रोकने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी गुरुवार को खाद्य संरक्षा विभाग के पदाधिकारी अजय कुमार ने दी। उन्होंने कहा कि 17 नवंबर या इसके बाद किसी समय एफएसएसएआइ दोबारा इस संबंध में निर्णय लेगा। 

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बताते चलें कि एफएसएसएआइ के आठ जून के निर्देश के आलोक में खाद्य संरक्षा विभाग ने दो दिन में ब्लेंडेड सरसों तेल की पैकिंग व बिक्री करने वालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी। इस दौरान कई टीन ब्लेंडेड सरसों तेल को जमीन पर बहाया गया था। खाद्य संरक्षा विभाग के अभिहित पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि कृषि विभाग ने एगमार्क के तहत सरसों तेल में पाम आयल या राइस ब्रान मिलाने की अनुमति 17 नवंबर 2020 को दी थी। इसका लाभ उठाकर कुछ लोग 20 फीसद सरसों तेल में 80 फीसद अन्य खाद्य तेल मिलाकर उसे सरसों तेल के नाम पर बेच रहे थे। कई तेलों का मिश्रण होने की जानकारी पैकिंग में नहीं दे रहे थे। 

तेल में ब्लेंडिंग प्रतिबंधित

नए आदेश के अनुसार अब सरसों के तेल में ब्लेंडिंग प्रतिबंधित कर दी गई है। यही नहीं कंपनियों को अनिवार्य रूप से हर पैकिंग पर शुद्धता का विवरण देना होगा। उन्होंने बताया कि पटना में चार कंपनियां हैं जो इस तरह के तेल की पैकिंग कर बेचती हैं। इनमें से तीन के पास नेशनल और एक के पास स्टेट का लाइसेंस है। हर सप्ताह बाहर से छह से सात टैंकर ब्लेंडेड तेल मंगाया जाता है। एक टैंकर में 25 टन यानी 25 हजार लीटर से अधिक तेल होता है। पैकिंग पर सरसों के अलावा अन्य तेल की मिलावट की जानकारी होने से आम जन भी शिकायत करा सकेंगे। दो दिन में चार निर्माताओं व 12 डीलर के यहां निरीक्षण कर माल वापस कराने को कहा गया है। 

हालांकि, गुरुवार को एफएसएसएआइ के निर्देश के अनुसार सरसों में अन्य खाद्य तेलों की मिलावट पर रोक पर अंतिम फैसला 17 नवंबर के बाद लिया जाएगा। कृषि मंत्रालय के पत्र के आलोक में एफएसएसएआइ ने अपने निर्णय को स्थगित किया है। बताते चलें कि मल्टी इडिबल आयल की बिक्री के लिए एगमार्क निर्गत किया था जो 17 नवंबर 2021 तक मान्य है। अत: एफएसएसआइ इसके बाद ही सरसों के तेल पर ब्लेंडिंग रोकने पर अंतिम फैसला लेगा। 


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