जनवरी तक प्रशासकों के जिम्मे बिहार के नगर निकाय, फिर बढ़ाना पड़ सकता है कार्यकाल
एक बार में छह माह तक ही प्रशासकों को जिम्मेदारी दी जा सकती है। चुनाव टल जाने के बाद प्रशासकों का कार्यकाल और लंबा होना तय है। इसी साल जुलाई में राज्य सरकार ने 247 शहरी निकायों की कमान प्रशासकों के हाथों में सौंप दी थी।
राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में नगर निकाय चुनाव टल जाने के बाद प्रशासकों का कार्यकाल और लंबा होना तय है। नगर निकाय चुनाव में देर के कारण इसी साल जुलाई में राज्य सरकार ने 247 शहरी निकायों की कमान प्रशासकों के हाथों में सौंप दी थी। नगर निगम में नगर आयुक्त को जबकि शेष 229 नगर परिषद व नगर पंचायतों में कार्यपालक पदाधिकारियों को प्रशासक नियुक्त किया गया है। इसके बाद से ही प्रशासक इन शहरी निकायों की कमान संभाल रहे हैं।
छह माह तक ही प्रशासकों को जिम्मेदारी दी जा सकती है
नियमानुसार, एक बार में छह माह तक ही प्रशासकों को जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में अधिकतम जनवरी, 2023 तक ही नियुक्त प्रशासक मान्य हैं। इस अवधि में निर्वाचन कराना अनिवार्य है। अगर इसके बाद भी नगर निकाय चुनाव नहीं होते हैं, तो प्रशासक का कार्यकाल बढ़ाना पड़ सकता है।
- - 18 नगर निगम में नगर आयुक्त बनाए गए हैं प्रशासक, लेंगे अहम निर्णय
- - 229 नगर परिषद व नगर पंचायतों में कार्यपालक पदाधिकारियों को कमान
- निर्वाचित बोर्ड के पांच साल का कार्यकाल इस साल जून में ही पूरा हो गया था
जून में पूरा हुआ था कार्यकाल
राज्य के 240 से अधिक शहरी निकायों के निर्वाचित बोर्ड के पांच साल का कार्यकाल इस साल जून में ही पूरा हो गया था। इस बीच चुनाव न होने से शहरी निकायों में कई कार्य प्रभावित हो रहे थे। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने निकाय चुनाव तक नगर निकाय प्रशासन की शक्तियां प्रशासकों को दे दी।
चुनाव टलने से लंबी खिंचेगी प्रशासकों की जिम्मेदारी
अक्टूबर में चुनाव की घोषणा के बाद उम्मीद थी कि प्रशासकों की जिम्मेदारी इसी माह खत्म हो जाएगी मगर अब चुनाव टल जाने से यह काम लंबा खींचेगा। पटना, बिहारशरीफ, आरा, रोहतास, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेतिया, मुंगेर, गया, पूर्णिया, कटिहार, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, भागलपुर, सहरसा में नगर आयुक्त प्रशासक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।