मांझी के समर्थन में आए मुकेश सहनी, तेजस्वी पर कही बड़ी बात; अल्टीमेटम भी दिया
बिहार महागठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। जीतनराम मांझी के बाद अब मुकेश सहनी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अल्टीमेटम दिया है। मांझी से मुलाकात के बाद सहनी बोले।
पटना, जेएनएन। बिहार महागठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी काफी नाराज चल रहे हैं। वे अल्टीमेटम भी दे चुके हैं। अब उनके समर्थन में विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी भी आ गए हैं। इतना ही नहीं, रविवार को मुकेश सहनी ने मांझी से मुलाकात की और उनके सुर में सुर मिलाते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अल्टीमेटम दिया। मांझी से मुलाकात के बाद सहनी बोले।
हम प्रमुख जीतनराम मांझी से रविवार को मुलाकात के बाद मुकेश सहनी ने कहा कि मांझी अभी महागठबंधन में ही हैं और उन्हाेंने तेजस्वी यादव से कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि हमलोग भी मांझी की मांग के साथ हैं। उनकी कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग जायज है।
सहनी ने कहा कि तेजस्वी जल्द से जल्द कोआर्डिनेशन कमेटी बनाएं। यदि ऐसा नहीं होता है तो मैं भी अपने समर्थकों के साथ महागठबंधन से हो बाहर हो जाऊंगा। उन्होंने कहा कि मांझी ने भी कहा कि यदि कमेटी नहीं बनी तो हम अलग रास्ता देखेंगे। मुकेश सहनी ने कहा कि मांझी अभी महागठबंधन में हैं और एनडीए में नहीं जाएंगे। इधर मांझी ने भी रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि महागठबंधन के सभी दलों को एक साथ लेकर चलने की उनकी कोशिश है। ऐसा नहीं होने पर राह अलग हो जाएगी।
बाद में हम के युवा प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि हमारी पार्टी भले ही चींटी के समान है, लेकिन चींटी जब हाथी को काटती है तो क्या होता है, इसे सब जानते हैं। जो हमें छोटा समझता है उसे यह कहावत याद रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी बूथ स्तर पर मजबूत नहीं होगी, तब तक उसे सफलता हासिल नहीं होगी। पार्टी की मजबूती के लिए युवा गांवों में जाएं। हर पंचायत में बूथ कमेटी बनाकर प्रदेश कार्यालय को उसकी सूची उपलब्ध कराएं। उन्होंने आह्वान किया कि जनता की समस्या यदि सरकार नहीं सुन रही तो वैसे लोगों को यहां लेकर आएं। उनकी समस्या समाधान के लिए वे सदन से सड़क तक आवाज उठाएंगे। बैठक में मांझी ने एक बार फिर कोऑर्डिनेशन कमेटी का मुद्दा उठाया। कहा, यदि उन्हें महागठबंधन में रखना है तो कमेटी बने। जो फैसला हो कमेटी के जरिए हो। कांग्रेस-राजद कोई भी फैसला ले ले, यह मंजूर नहीं।