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मुचकुन के मोबाइल ने दिलाई एसटीएफ को दूसरी बड़ी सफलता

रूपसपुर नहर रोड में एसटीएफ और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान मारे गए मुचकुन के मोबाइल से एसटीएफ को अहम सुराग मिले।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 09:40 PM (IST)
मुचकुन के मोबाइल ने दिलाई एसटीएफ को दूसरी बड़ी सफलता
मुचकुन के मोबाइल ने दिलाई एसटीएफ को दूसरी बड़ी सफलता

पटना । रूपसपुर नहर रोड में एसटीएफ और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान मारे गए नौबतपुर के चेचौल निवासी मुचकुन उर्फ अभिषेक के मोबाइल ने मंगलवार को बिहार स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को बड़ी सफलता दिलाई। मुचकुन के मोबाइल से पुलिस को एक अहम सुराग मिला जिसके आधार पर एसटीएफ ने मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या करने के आरोपित शंभू-मंटू गिरोह के गोविंद को गिरफ्तार कर लिया। गोविंद और मुचकुन के बीच गहरे संबंध का खुलासा दैनिक जागरण ने सोमवार के अंक में 'समीर के हत्यारों से जुड़े थे मुचकुन के तार' शीर्षक से प्रकाशित खबर में किया था।

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टावर लोकेशन के आधार पर शुरू हुई छानबीन :

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो मुचकुन के पास से मिला मोबाइल और राउटर (पोर्टेबल वाई-फाई) एसटीएफ के लिए तुरुप का पत्ता साबित हुआ। तकनीकी सेल की मदद से पुलिस ने जब उसके मोबाइल को खंगाला, तब मालूम हुआ कि गोविंद से उसकी अक्सर वाट्सएप कॉलिंग के माध्यम से बातें होती थीं। यहां तक कि वारदात के बाद दोनों एक-दूसरे को छिपाने और घटना में प्रयुक्त हथियार को ठिकाने लगाने में भी मदद करते थे। पुलिस ने मोबाइल और राउटर लोकेशन के आधार पर छानबीन शुरू कर दी।

: मिला एक संदिग्ध मोबाइल नंबर :

मुचकुन की वाट्सएप कॉल रिकॉर्ड से एक संदिध मोबाइल नंबर मिला। जब वह पटना पुलिस की दबिश बढ़ने पर मुजफ्फरपुर भागा तो वो नंबर हमेशा उसके मोबाइल लोकेशन की रेंज में रहता था। इसी नंबर पर मुचकुन ने तीन और चार दिसंबर को 16 बार वाट्सएप कॉलिंग की। एसटीएफ ने उस नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया। लेकिन, गोविंद पुलिस से अधिक शातिर निकला। उस सिम कार्ड का इस्तेमाल एक किराना दुकानदार कर रहा था, जबकि उसी नंबर से गोविंद वाट्सएप चला रहा था। बावजूद इसके एसटीएफ ने एक साथ आधा दर्जन ठिकानों पर दबिश दी तो गोविंद भयभीत हो गया।

देश छोड़ने का लिया फैसला :

मुचकुन के मारे जाने और एक साथ लगातार सभी ठिकानों पर छापेमारी होने से गोविंद को जान का खतरा सताने लगा। इसलिए उसने देश छोड़ने का निर्णय लिया। वह पटना हवाई अड्डे से फ्लाइट लेकर मुंबई जाने वाला था। उसके संरक्षकों ने मुंबई के एक एजेंट से उसकी बात कराई थी, जो उसे फर्जी पासपोर्ट पर छह महीने के लिए मजदूर बताकर दुबई भेज देता। हालांकि इसकी भनक एसटीएफ को लग गई। दो दिन से एसटीएफ के डीएसपी, इंस्पेक्टर और कमांडो एयरपोर्ट के कोने पर नजर रख रहे थे। मंगलवार की दोपहर गोविंद पार्किंग एरिया में टैक्सी से उतरा ही था कि एसटीएफ की टीम ने उसे दबोच लिया।


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