मुचकुन एनकाउंटर: मां कहती थी, रंगदारी की रकम और बढ़ाओ, रखती हिसाब-किताब
मुचकुन को शह देने वाले कम नहीं थे। मां खुद उसके कमाए हुए पैसों का हिसाब-किताब रखती थी। मुचकुन से रंगदारी में और रकम मांगने के लिए कहती थी।
पटना, जेएनएन। मुचकुन ऐसे ही कुख्यात नहीं बना, उसे शह उसके पूरे गांव और परिजनों ने दी। कंकड़बाग थाना क्षेत्र के बाईपास पर तीन दिसंबर को पुलिस मुचकुन और उसके साथी उज्ज्वल को ही दबोचने गई थी। सिपाही मुकेश पर गोली लगने के दौरान मौके पर कुख्यात मुचकुन भी मौजूद था। घटना के बाद से ही पुलिस और एसटीएफ मुचकुन के संभावित 22 ठिकानों पर सादे लिबास में नजर रख रही थी। बाकी पांच टीमें चंडीगढ़, गोवा, मुंबई, जहानाबाद से लेकर नौबतपुर में छापेमारी कर रही थीं, लेकिन मुचकुन पटना के कोतवाली क्षेत्र स्थित एक होटल में छिपा था। इस बात की सूचना पुलिस को मुंबई से मिली। इसके बाद एसटीएफ और पुलिस उसके पीछे लग गई। आखिरकार मुठभेड़ में वह गुरुवार की रात मारा गया।
मां और अपने अकाउंट में रखता था अपराध के पैसे
पुलिस की छानबीन में पता चला कि नौबतपुर में लूलन शर्मा की हत्या के बाद मुचकुन ने दो बैंक में अकाउंट खोल रखे थे। हत्या के लिए ली गई सुपारी की रकम अपने अकाउंट में रखता था और रंगदारी की रकम अपनी मां के अकाउंट में रखता था। उसकी मां एक-एक पैसे का हिसाब रखती थी। पुलिस की मानें तो मुचकुन को उसकी मां बोलती थी कि रंगदारी की रकम और बढ़ाओ। इधर पुलिस जब उसकी बहन स्वीटी के बारे में जानकारी जुटाने के बाद पुणे पहुंची तो पता चला कि वह जहां जॉब करती थी वहां पिछले कुछ दिनों से नहीं जा रही थी। हालांकि मुचकुन अपनी बहन से मिलने पुणे नहीं जाता था।
ललन शर्मा के थप्पड़ ने बना दिया कुख्यात
साल 2015 में मुचकुन नौबतपुर के छोटे दुकानदारों को धमकी देता था और मुफ्त में सामान लेता था। बाजार के सब्जी ठेकेदार कुख्यात लूलन शर्मा से बाजार में मुफ्त में सब्जी लेने को लेकर मुचकुन का उससे विवाद हो गया था। लूलन ने उसपर हाथ उठा दिया था। इसके बाद से वह बदले की आग में जल रहा था। उसे रास्ते से हटाने के लिए ही नौबतपुर के ही कुख्यात मनोज सिंह से संपर्क किया था। फिर मुचकुन ने भोजपुर के लोदीपुर गांव निवासी बदमाश अभिषेक और एक अन्य के साथ 15 सितंबर 2015 को लूलन की हत्या कर दी थी। घटना के बाद छह महीने तक मुचकुन और मनोज के संबंध बने रहे, लेकिन रंगदारी और सब्जी मंडी के ठेके के पैसे को लेकर दोनों अलग हो गए।
डर से कोई नहीं पहुंचा शव के पास
मुठभेड़ में मारे गए अपराधी मुचकुन का शव शुक्रवार सुबह 10 बजे उसके चाचा लेकर गांव पहुंचे। गांव में सन्नाटा सा पसर गया। गांव में डर से कोई भी उसके शव के पास भी नहीं पहुंचा। वर्ष 2016 में एसटीएफ एवं पटना पुलिस की विशेष टीम ने रांची से लौटने के क्रम में जहानाबाद से कुख्यात मनोज सिंह एवं बबलू सिंह को गिरफ्तार किया। दोनों की निशानदेही पर विक्रम से माणिक सिंह और मुचकुन भी पकड़ा गया था। हालांकि सात महीने बाद ही मुचकुन जेल से बाहर आ गया।
वीडियो वायरल होने के गांव वाले हुए थे नाराज
तीन माह पूर्व गांव की कई लड़कियों के साथ मुचकुन का अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद गांव में उसके कई विरोधी हो गए। वीडियो वायरल होने के बाद उसने गांव में खुद को असुरक्षित महसूस करते देख ठिकाना बदल दिया था। सूत्रों की मानें तो वायरल वीडियो में एक लड़की ने पुलिस की उसकी गतिविधियों की जानकारी देने में मदद की थी।
मुठभेड़ में मुचकुन को लगी थीं चार गोलियां
50 हजार के इनामी अपराधी मुचकुन का पोस्टमॉर्टम अनुमंडल अस्पताल में हुआ। इस दौरान दंडाधिकारी भी मौजूद रहे। मेडिकल टीम का गठन कर पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी हुई। सूत्रों की मानें तो मुचकुन को एक गोली उसके सीने में, दो सीने के बाई ओर पेट और एक गोली दाहिनी ओर कमर पर लगी थी।