बिहार में सियासी उलटफेर: कुशवाहा के साथी बने MP अरुण कुमार, नीतीश को बताया अहंकारी
रालोसपा से अलग हुए जहानाबाद सांसद अरुण कुमार ने एक बार फिर से रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का साथ दिया है। नीच शब्द को लेकर सीएम नीतीश को कुशवाहा से माफी मांगने को कहा है।
By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 11:29 AM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 10:42 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को 'नीच' कहे जाने पर हो रही राजनीति ने बुधवार को एक नया मोड़ ले लिया। कुशवाहा से नाराज चल रहे सांसद डॉ. अरुण कुमार अचानक उनके पक्ष में आए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अहंकारी बताते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसे शब्द का प्रयोग करने के लिए नीतीश कुमार को माफी मांगनी चाहिए। उन्हें प्रायश्चित करना चाहिए।
रालोसपा के टिकट पर सांसद बने डॉ. अरुण कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा से नाराज होकर अपना अलग गुट बना लिया है। उन्होंने राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्यूलर) के नाम से नई पार्टी का गठन कर लिया है।
नीतीश अहंकारी, बिहारी अस्मिता को ठेस पहुंचाई
अरुण कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा का साथ देते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने 'नीच' शब्द कहकर बिहारी अस्मिता को ठेस पहुंचाई है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं तो उपेंद्र कुशवाहा भी केंद्रीय मंत्री हैं और एक पार्टी का नेतृत्व करते हैं। एेसे में किसी को 'नीच' कहना नीतीश कुमार का अहंकार दर्शाता है और उनकी हां में हां मिलाते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता भी सच से मुंह छिपाते हुए उनका समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि सब साथ हैं। अरुण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार की मानसिकता ठीक नहीं और इसका जवाब उन्हें जनता देगी।
ऐसे बयानों की पहले भी की है निंदा, मनमोहन मांग चुके माफी
डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि जब प्रियंका गांधी और मणि शंकर अय्यर जैसे नेताओं ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, तब हम सबने इसकी निंदा की थी। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जस्टिस लिब्राहन के संबंध में दिए गए बयान के लिए माफी मांगी थी।
नीतीश के विरोध में बयान के लिए मैं भी जता चुका खेद
खुद मैंने नीतीश कुमार को गुस्से में कुछ कह दिया था तो अगले ही दिन मैंने सफाई दी थी कि ऐसा गुस्से में हो गया। नीतीश कुमार को भी ऐसे शब्दों के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए। बताते चलें कि अरुण कुमार ने तीन साल पहले नीतीश कुमार के लिए 'छाती तोड़ देंगे' कहा था।
महिला पत्रकार को नहीं दे रहे थे सम्मान
जिस साक्षात्कार में नीतीश कुमार ने ये बातें कहीं, वह एक महिला पत्रकार ले रही थी। नीतीश कुमार खुद को डॉ. लोहिया का अनुयायी बताते हैं। डॉ. लोहिया महिलाओं को सम्मान देने की बात करते थे, लेकिन नीतीश कुमार उस महिला पत्रकार को सम्मान नहीं दे रहे थे।
कुशवाहा व अरुण को जदयू से मिला समान दर्द
रालोसपा सूत्रों ने बताया कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से उपेंद्र कुशवाहा और अरुण कुमार को एक जैसा दर्द मिला है, जिसके कारण दोनों फिर से एक हो रहे हैं। रालोसपा के दो विधायकों में से एक ललन पासवान जहां अरुण कुमार के साथ थे, वहीं सुधांशु शेखर अभी उपेंद्र कुशवाहा के साथ हैं। दोनों पर ही जदयू ने डोरे डाले हैं, जिसके नतीजे में ललन पासवान ने डॉ. कुमार से नाता तोड़ लिया है, वहीं सुधांशु शेखर भी जदयू की लाइन पर हैं। अरुण कुमार ने कहा कि उनका उपेंद्र कुशवाहा से कभी मतभेद नहीं रहा। उनके इर्द-गिर्द रहने वालों से मेरा मतभेद है और आज भी वे लोग उपेंद्र कुशवाहा के करीब हैं।
जहां सम्मान मिलेगा, वहां जाउंगा
शरद यादव के करीब होने संबंधी प्रश्न पर डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि मैं न तो शरद यादव और न ही उपेंद्र कुशवाहा के पास गया हूं। एनडीए के पास भी सीट मांगने नहीं जाउंगा। मुझे जहां सम्मान मिलेगा, वहां जाउंगा।
एक्शन में आएं सुशासन बाबू
उन्होंने कहा कि शिक्षा का हाल बदहाल है। रोज हत्याएं हो रही हैं। छह लोगों की हत्या करने वाला प्रशासन के साथ घूमता है। पुलिस दारू और बालू में फंसी है। सुशासन बाबू एक्शन में नहीं आए तो जनता फैसला लेगी।
रालोसपा के टिकट पर सांसद बने डॉ. अरुण कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा से नाराज होकर अपना अलग गुट बना लिया है। उन्होंने राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्यूलर) के नाम से नई पार्टी का गठन कर लिया है।
नीतीश अहंकारी, बिहारी अस्मिता को ठेस पहुंचाई
अरुण कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा का साथ देते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने 'नीच' शब्द कहकर बिहारी अस्मिता को ठेस पहुंचाई है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं तो उपेंद्र कुशवाहा भी केंद्रीय मंत्री हैं और एक पार्टी का नेतृत्व करते हैं। एेसे में किसी को 'नीच' कहना नीतीश कुमार का अहंकार दर्शाता है और उनकी हां में हां मिलाते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता भी सच से मुंह छिपाते हुए उनका समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि सब साथ हैं। अरुण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार की मानसिकता ठीक नहीं और इसका जवाब उन्हें जनता देगी।
ऐसे बयानों की पहले भी की है निंदा, मनमोहन मांग चुके माफी
डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि जब प्रियंका गांधी और मणि शंकर अय्यर जैसे नेताओं ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, तब हम सबने इसकी निंदा की थी। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जस्टिस लिब्राहन के संबंध में दिए गए बयान के लिए माफी मांगी थी।
नीतीश के विरोध में बयान के लिए मैं भी जता चुका खेद
खुद मैंने नीतीश कुमार को गुस्से में कुछ कह दिया था तो अगले ही दिन मैंने सफाई दी थी कि ऐसा गुस्से में हो गया। नीतीश कुमार को भी ऐसे शब्दों के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए। बताते चलें कि अरुण कुमार ने तीन साल पहले नीतीश कुमार के लिए 'छाती तोड़ देंगे' कहा था।
महिला पत्रकार को नहीं दे रहे थे सम्मान
जिस साक्षात्कार में नीतीश कुमार ने ये बातें कहीं, वह एक महिला पत्रकार ले रही थी। नीतीश कुमार खुद को डॉ. लोहिया का अनुयायी बताते हैं। डॉ. लोहिया महिलाओं को सम्मान देने की बात करते थे, लेकिन नीतीश कुमार उस महिला पत्रकार को सम्मान नहीं दे रहे थे।
कुशवाहा व अरुण को जदयू से मिला समान दर्द
रालोसपा सूत्रों ने बताया कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से उपेंद्र कुशवाहा और अरुण कुमार को एक जैसा दर्द मिला है, जिसके कारण दोनों फिर से एक हो रहे हैं। रालोसपा के दो विधायकों में से एक ललन पासवान जहां अरुण कुमार के साथ थे, वहीं सुधांशु शेखर अभी उपेंद्र कुशवाहा के साथ हैं। दोनों पर ही जदयू ने डोरे डाले हैं, जिसके नतीजे में ललन पासवान ने डॉ. कुमार से नाता तोड़ लिया है, वहीं सुधांशु शेखर भी जदयू की लाइन पर हैं। अरुण कुमार ने कहा कि उनका उपेंद्र कुशवाहा से कभी मतभेद नहीं रहा। उनके इर्द-गिर्द रहने वालों से मेरा मतभेद है और आज भी वे लोग उपेंद्र कुशवाहा के करीब हैं।
जहां सम्मान मिलेगा, वहां जाउंगा
शरद यादव के करीब होने संबंधी प्रश्न पर डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि मैं न तो शरद यादव और न ही उपेंद्र कुशवाहा के पास गया हूं। एनडीए के पास भी सीट मांगने नहीं जाउंगा। मुझे जहां सम्मान मिलेगा, वहां जाउंगा।
एक्शन में आएं सुशासन बाबू
उन्होंने कहा कि शिक्षा का हाल बदहाल है। रोज हत्याएं हो रही हैं। छह लोगों की हत्या करने वाला प्रशासन के साथ घूमता है। पुलिस दारू और बालू में फंसी है। सुशासन बाबू एक्शन में नहीं आए तो जनता फैसला लेगी।
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