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युनाइटेड नेशंस को भायी मिथिला पेंटिंग, अब जापान और कनाडा की ट्रेनों पर दिखेगी कलाकृतियां

मिथिला पेंटिंग अब जापान औऱ कनाडा में भी दिखेगी। दोनों देशों की ट्रेन जल्द ही मिथिला पेंटिंग से सजी दिखाई देंगी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 09:17 AM (IST)
युनाइटेड नेशंस को भायी मिथिला पेंटिंग, अब जापान और कनाडा की ट्रेनों पर दिखेगी कलाकृतियां
युनाइटेड नेशंस को भायी मिथिला पेंटिंग, अब जापान और कनाडा की ट्रेनों पर दिखेगी कलाकृतियां

पटना, जेएनएन। पूर्व-मध्य रेल की ओर से मधुबनी स्टेशन एवं संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में सजाए जाने के बाद अब मिथिला पेंटिंग की ख्याति दूर देश तक जाएगी। बिहार की मशहूर मिथिला पेंटिंग्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान मिली है। युनाइटेड नेशंस के भारतीय कार्यालय ने ट्विटर के माध्यम से दोनों ट्रेनों की सजावट को सराहा है।

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जापान और कनाडा की ट्रेनों में दिखेगी पेंटिंग

अब जापान व कनाडा जैसे देशों ने भी अपने यहां की ट्रेनों और स्टेशनों को मिथिला पेंटिंग्स से सजाने की कवायद शुरू कर दी है। दोनों देशों ने रेलवे बोर्ड से इस संबंध में जानकारी मांगी है। रेल मंत्रालय की ओर से दोनों देशों को इसकी पूरी जानकारी भेजी जा रही है।

मिथिला पेंटिंग की वजह से मिली नई पहचान

ज्ञात हो कि राजेंद्रनगर टर्मिनल से नई दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस की रैक को मिथिला पेंटिंग के कारण अलग से पहचाना जा सकता है। इन ट्रेनों की खूबसूरती से देश के अन्य राज्य ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इसकी सराहना होने लगी है।

नई पहचान दिलाने की कोशिश

पूर्व-मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि रेल प्रबंधन की ओर से बिहार की मशहूर मिथिला पेंटिंग को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश की गई है। पटना जंक्शन, पाटलिपुत्र स्टेशन, मधुबनी स्टेशन, राजेंद्रनगर टर्मिनल के साथ ही राजधानी और संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को मिथिला पेंटिंग से पूरी तरह सजाया गया है। इससे इस कला को विश्व के कई देशों में पहचान मिली है। इस कला से जुड़े कलाकारों को दूसरे देशों की ट्रेनों व स्टेशनों को सजाने का ऑफर मिलने लगा है।

ट्रेनों को पेंटिंग से सजाने में दिखाई दिलचस्पी

कनाडा व जापान जैसे विकसित देशों ने अपने यहां की ट्रेनों को मिथिला पेंटिंग से सजाने में दिलचस्पी दिखाई है। दोनों देशों ने रेल मंत्रालय से संपर्क कर पूरा विवरण मांगा है। सीपीआरओ ने कहा कि अगर रेल मंत्रालय से अनुमति मिल जाती है तो पूर्व-मध्य रेल कनाडा व जापान व कई अन्य देशों की ट्रेनों को सजाने का काम कर सकती है। इससे यहां के कलाकारों को भी विश्व स्तर पर सम्मान के साथ आर्थिक खुशहाली मिलेगी। इस कला से जुड़े कलाकारों, जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं, के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। जोन इस बात से गौरवान्वित है कि इस कला को पुन: राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में उसने प्रमुख भूमिका निभाई है। 


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