नीतीश के मंत्री का खुलासा : सरकारी मुलाजिम लेते घूस, दामाद को भी नहीं छोड़ा
बिहार में भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए सूबे के गन्ना मंत्री ने कहा कि खुद उनके दामाद से जमीन सर्टिफिकेशन के नाम पर घूस ली गई। उनके अनुसार सर्टिफिकेशन के नाम पर मनमनी की जाती है।
पटना [वेब डेस्क]। सरकार भले ही भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा करे, लेकिन सरकारी बाबू अब मंत्री के परिजन से भी रिश्वत (घूस) लेने लगे हैं। हैरत की बात तो यह है कि मामला मंत्री जी के संज्ञान में होने के बावजूद सरकारी बाबू का बाल भी बांका नहीं हो सका है। यह हम नहीं, खुद सरकार के मंत्री कह रहे हैं। मामला बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद के दामाद से जुड़ा है।
बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने मंगलवार की शाम खुलासा किया कि उनके दामाद से जमीन के सर्टिफिकेशन के नाम पर घूस ली गई। यह घटना दो महीने पहले की है। मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने 1200 रुपये लेने के बाद ही जमीन का सर्टिफिकेेशन किया। विदित हो कि कृषि विभाग जमीन का सर्टिफिकेशन कराता है और उसी के आधार पर सरकार से किसानों को अनुदान मिलता है।
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मंत्री ने कहा कि किसान की जमीन का सर्टिफिकेशन जमीन पर जाकर करना होता है, लेकिन होटलों में या फिर मीठापुर में बैठकर यह सब खेल हो रहा है।
गन्ना किसानों की समस्या को लेकर मंत्री मंगलवार को विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ पटना में बैठक कर रहे थे, जिसमें कृषि विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया गया था। इस दौरान मंत्री ने कृषि विभाग के सर्टिफिकेशन डायरेक्टर बेंकटेश नारायण सिंह की मौजूदगी में यह आरोप लगाया। कृषि विभाग के सर्टिफिकेशन डायरेक्टर ने सफाई देने की कोशिश की, लेकिन मंत्री अपनी बात पर अड़े रहे।
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इस बाबत कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राज कुमार रजक ने कहा कि बिना खेत पर गये मिलीभगत से जमीन का सर्टिफिकेशन किया जाता है, जिससे अनुदान देने में परेशानी होती है। इस कारण बड़ी संख्या में किसान गलत ढंग से सर्टिफिकेशन कराकर अनुदान की मांग करते हैं।