मंत्री मुकेश सहनी ने बैंकों पर पक्षपात के आरोप लगाए, कहा- पांच हजार की मछली खिलाने पर भी नहीं मिलता कर्ज
पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंकों पर कर्ज देने में पक्षपात का आरोप लगाया । कहा कि एक लाख रुपये का कर्ज देने के लिए पांच हजार रुपये का मछली और मखाना खा जाते फिर भी कर्ज नहीं देते।
पटना, राज्य ब्यूरो । राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में पशु एवं मत्स्य विभाग के मंत्री मुकेश सहनी ने बैंकों पर कर्ज देने में मछुआरों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने मंच से कहा कि एक लाख के कर्ज के लिए पांच हजार रुपये की मछली और मखाना खिलाने पर भी कर्ज नहीं दिया जाता। हालांकि बाद में उन्होंने बचाव करते हुए कहा कि इसकी मांग नहीं की जाती, मगर फिर भी लोन पास कराने के लिए ऐसा किया जाता है। उन्होंने कहा कि बैंकों का कर्तव्य है कि वे कर्ज देकर बिहार में निवेश को बढ़ावा दें। अगर आप आवेदक को 100 फीसद कर्ज नहीं दे सकते तो कटौती कर 60-80 फीसद ही दें।
गांवों में एटीएम-ब्रांच बढ़ाएं, लोन की करें मॉनीटरिंग
बैंकर्स कमेटी की बैठक में उपमुख्यमंत्री ने बैंकों को निर्देश दिया कि गांवों में एटीएम और शाखाओं की संख्या बढ़ाई जाए। इसका लक्ष्य तय करें। कॉमन सर्विस सेंटर को हर पंचायत तक पहुंचाएं। किसान क्रेडिट कार्ड की भी ऑनलाइन ट्रैकिंग करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 20 लाख रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा है। ऐसे में स्वरोजगार के लिए अधिक से अधिक कर्ज दें। उन्होंने कहा कि बैंक का दायित्व सिर्फ ऋण देना नहीं है, बल्कि पहले दिन से उसकी मॉनीटङ्क्षरग करना भी है। ऐसे में जरूरी है कि बैंक कर्ज लेने वालों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराए। उनको प्रशिक्षण दें, मार्गदर्शन करें ताकि एनपीए में कमी आए।
ये रहे उपस्थित
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के संयोजन में आयोजित बैठक में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन सरवण कुमार, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सीजीएम महेश गोयल, नाबार्ड के सीजीएम सुनील कुमार, भारतीय रिजर्व बैंक के जीएम बृजराज समेत सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारीगण उपस्थित थे।