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मंगल पांडेय का तंज: महागठबंधन नहीं बता सका अपने नेता का नाम

बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग की तारीख निर्धारित नहीं होने पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने निशाना साधा है। कहा कि महागठबंधन अभी तक अपने नेता का नाम नहीं बता पाया है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 10:03 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 11:02 PM (IST)
मंगल पांडेय का तंज: महागठबंधन नहीं बता सका अपने नेता का नाम
मंगल पांडेय का तंज: महागठबंधन नहीं बता सका अपने नेता का नाम

पटना [जेएनएन]। बिहार में तथाकथित महागठबंधन में सीट शेयरिंग की तारीख तीन फरवरी को निर्धारित होने पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विपक्षियों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन अभी तक अपने नेता का नाम नहीं बता पाया है। सीट शेयरिंग में हो रही देरी से कुनबा का टूटना तय है। 

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पांडेय ने कहा कि भाजपा का अश्वमेध रथ रोकने के लिए कहीं गठबंधन, कहीं महागठबंधन तो कहीं तीसरे मोर्चें की सुगबुगाहट हो रही है। रही-सही कसर ममता बनर्जी ने पूरी कर दी, जिन्होंने 20 दलों के नेताओं का जुटान कर प्रधानमंत्री का सपना देख रहे सियासी सूरमाओं की बोलती बंद कर दी।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस समेत वामपंथी और समाजवादी नेता देश स्तर पर महागठबंधन बनाने की बात कर रहे थे, लेकिन यूपी में जहां सपा-बसपा ने ऐसे दलों को नकार दिया तो आंध्र प्रदेश और तेलांगना में केसीआर और वाइएसआर के बीच सियासी खिचड़ी पक रही है। वहीं बिहार-झारखंड समेत विभिन्न राज्यों में सीटों की चाहत को लेकर तथाकथित गठबंधन में संशय बरकरार है। इसमें शामिल दलों ने एकजुटता का परिचय देते हुए मकरसंक्रांति के बाद सीटों की घोषणा की बात कही थी, लेकिन अभी तक तथाकथित गठबंधन उलझन में फंसा हुआ है।

मंगल पांडेय ने कहा कि देश भर में भाजपा विरोधी पार्टियां वोटों का ध्रुवीकरण रोकने के लिए कोई भी कुर्बानी देने की बात कर रही है, लेकिन उनकी ललक धु्रवीकरण की राह में रोड़े डाल रहा है। चाहे बात सीटों को लेकर हो या फिर प्रधानमंत्री पद को लेकर स्थिति 'एक अनार और सौ बीमार' वाली है। कांग्रेस गैर भाजपाइयों के भरोसे राहुल गांधी को बतौर प्रधानमंत्री मान रहे हैं, लेकिन कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री पद का साक्षात्कार देने जुटे नेता राहुल को इस योग्य नहीं मान रहे हैं। हाल यह था कि रैली में शामिल दर्जन भर घाघ राजनीतिज्ञ खुद प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में दिखे।


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