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चार हजार किलोमीटर का सफर कर पटना आने वाला है ग्रीनीश वार्बलर, विदेशी मेहमानों को दूरबीन से देखें

Migratory birds in Bihar गर्मी का मौसम खत्‍म होते ही प्रवासी पक्षियों का बिहार आना शुरू होने वाला है। अगले महीने से आने लगेंगे विदेशी मेहमान। पटना के राजधानी जलाशय में है विदेशी पक्षियों का बसेरा। यहां मिलती हैं विशेष सुविधाएं

By Pintu KumarEdited By: Shubh Narayan PathakPublished: Fri, 07 Oct 2022 11:49 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 11:49 AM (IST)
चार हजार किलोमीटर का सफर कर पटना आने वाला है ग्रीनीश वार्बलर, विदेशी मेहमानों को दूरबीन से देखें
Patna News: पटना में मिलेगा प्रवासी पक्षियों को नजदीक से देखने का मौका। फाइल फोटो

पिंटू कुमार, पटना। पक्ष‍ियों की दुनिया काफी रोमांचकारी होती है। पक्षियों को नजदीक से देखना एक खुशनुमा अनुभव है। खासकर तब, जब ऐसा मौका हरे-भरे और पूरी तरह प्राकृतिक वातावरण में मिले। पटना में आप मुफ्त में देसी-विदेशी पक्षियों को बेहद नजदीक से उनके प्राकृतिक आवास में यानी पेड़-पौधों पर बैठा हुआ देख सकते हैं। स्‍कूली बच्‍चे यहां पक्ष‍ियों का दीदार मुफ्त में कर सकते हैं। इसके लिए यहां उच्‍च क्षमता की दूरबीन भी दी जाती है। 

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सचिवालय तालाब में आते हैं विदेशी मेहमान 

देशी-विदेशी पक्षियों के दीदार का शौक रखने वाले पक्षी प्रेमियों को पक्षियों का दीदार करने के लिए अब और ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं है। सचिवालय स्थित राजधानी जलाशय में नवंबर माह से देशी-विदेशी मेहमानों का आना शुरू हो जाएगा। एक बार फिर से राजधानी जलाशय देशी-विदेशी पक्षियों के चहचहाहट से गुलजार हो जाएगा।

इन पक्षियों को देखने का मिलेगा मौका 

हालांकि स्थानीय पक्षियों में यहां किलकिला, बगुला, फाख्ता, जलपिपि, जलमुर्गी, चोट पनकोआ, जलडूबी, सतभिया पक्षी को आप यहां देख सकते हैं। बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सदस्‍य नवीन कुमार ने कहा कि नवंबर माह से विदेशी पक्षियों के आने की उम्मीद है। नवंबर माह से लेकर फरवीर माह तक विदेशी पक्षियों के आने का समय है। 

नवंबर से आने लगेगा ग्रीनीश वार्बलर

करीब तीन हजार किलोमीटर की दूरी तय कर ग्रीनिश वार्बलर नवंबर माह से राजधानी जलाशय में आने लगेंगे। यह पक्षी मध्य एशिया, तजाकिस्तान, तुर्किस्तान, मंगोलिया व अफगानिस्तान को पार करके भारत आते हैं। आठ ग्राम वजन वाले ये पक्षी एक से दो के समूह में रहते हैं।

चार हजार किलोमीटर दूर से आते ये पक्षी 

सामान्य तौर पर ये पटना चिड़ि‍याघर के आसपास, मुजफ्फरपुर के सरैया कोठी, राजगीर के घोड़ा कटोरा में प्रवास करते हैं। ग्रीन वार्बलर चार हजार किलोमीटर की दूरी तय कर यूरेशिया और एक हजार किलोमीटर की दूरी तय कर कामन चीस चैस और लाइसेस लीफ वार्बलर हिमालय से होकर आते हैं। 

स्कूल बच्चे मुफ्त में कर सकते हैं राजधानी जलाशय की सैर

स्कूल बच्चे सुबह नौ से लेकर शाम के पांच बजे तक राजधानी जलाशय की सैर कर सकते हैं। इसके लिए बच्चों को समूह में आन होगा। स्कूल बच्चे राजधानी जलाशय की मुफ्त में सैर कर सकते हैं। पक्षियों को नजदीक से देखने के लिए राजधानी जलाशय में विशेष दूरबीन की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही पक्षियों के बारे में विशेष जानकारी देने के लिए गाइड भी उपलब्ध है।


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