विधानमंडल का बजट सत्र, SC-ST मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष ने मिलकर किया हंगामा
एसटी-एससी मुद्दे को लेकर विपक्ष को सत्तापक्ष का भी साथ मिला और दोनों ने मिलकर इसपर चर्चा कराने की मांग की जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के नकारने के बाद हंगामा हुआ।
पटना [जेएनएन]। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर बिहार में राजनीति तेज हो गई है। इस एक्ट में संशोधन को लेकर बुधवार को बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी समेत सत्तारूढ़ दलों के विधायकों ने भी विपक्ष का साथ दिया।
विपक्षी दलों ने सदन में चर्चा कराये जाने की मांग की थी तो विधानसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री ने इंकार किया। उन्होंने चर्चा को नियम के अनुरूप नहीं बताया। राजद सदस्यों का कार्यस्थगन प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष ने नामंजूर कर दिया।
शिवचंद्र राम ने एसटी-एससी एक्ट मामले पर विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा कराने की मांग की। उनके साथ ही जदयू सदस्य श्याम रजक ने भी इस मुद्दे पर दो घंटे के लिए विशेष बहस कराने की मांग की।
उसके बाद विधानसभा में एससी एसटी एक्ट को लेकर पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष के जोरदार हंगामे में सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने भी उनका साथ दिया। साथ देने वाले वही विधायक थे जो दलित हैं और आरक्षित क्षेत्र से चुन कर आते हैं।
उसके बाद विपक्ष ने विधानसभा के सामने धरना दिया। धरने में सत्तारूढ़ दल के विधायक भी शामिल हुए। जेडीयू के श्याम रजक, ललन पासवान और बीजेपी के कई विधायक भी इस धरना में शामिल हुए और सरकार को चेतावनी दी कि दलितों को उनका हक सरकार दे। इस दौरान बिहार विधानसभा के परिसर में काफी शोर शराबा हुआ।
वहीं, विधानपरिषद में शिक्षा घोटाला मामले पर हंगामा हुआ। राजद के सुबोध कुमार ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया था, जिसपर शिक्षामंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने इसके जांच के लिए आश्वासन दिया।