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Sasaram, Lok Sabha Election Phase 7: चौथी बार आमने-सामने हैं मीरा और छेदी, कयासबाजी तेज

एक संयोग यह कि सासाराम लोकसभा क्षेत्र में जिस पार्टी की विजय होती है केंद्र में उसी की सरकार बनती है। इस बार कांग्रेस की मीरा और बीजेपी के छेदी पासवान चौथी बार आमने-सामने हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 04:18 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 10:43 PM (IST)
Sasaram, Lok Sabha Election Phase 7: चौथी बार आमने-सामने हैं मीरा और छेदी, कयासबाजी तेज
Sasaram, Lok Sabha Election Phase 7: चौथी बार आमने-सामने हैं मीरा और छेदी, कयासबाजी तेज

सासाराम, जेएनएन। सासाराम लोकसभा क्षेत्र किसी इतिहास से कम नहीं। एक संयोग यह है कि इस लोकसभा क्षेत्र में जिस पार्टी की विजय होती है, केंद्र में उसी की सरकार बनती है। कभी बाबू जगजीवन राम यहां से निर्बाध आठ बार जीते थे। उनकी पुत्री मीरा कुमार भी यहां से दो बार सांसद रह चुकी हैं। सातवें चरण में फिर वे कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। वहीं पिछली बार उन्हें परास्त कर विजेता बने छेदी पासवान पर भाजपा ने एक बार फिर दांव लगाया है। मीरा और छेदी इस बार चौथी दफा मैदान में हैं, लेकिन जीत हर बार छेदी पासवान की ही हुई है। सातवें चरण में सासाराम में मतदान हाेना है और यहां से 13 प्रत्‍याशी किस्‍मत आजमा रहे हैं। इनमें 10 पुरुष और तीन महिलाएं हैं।

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सबकी बात सुनते हैं मतदाता, पर करते हैं अपनी 
बहुत कुरेदने पर भी मतदाता अपने मन की बात नहीं बता रहे। अलबत्ता वे सबकी बातें सुन रहे हैं और कभी-कभार हामी भी भर दे रहे। उनके खामोश रुख से उम्मीदवारों की परेशानी बढ़ी हुई है। मीरा कुमार गली-कूचे की खाक छान रहीं। जगजीवन राम के कुछ वफादार आज भी उनके साथ हैं। अब उसे कांग्रेस का कैडर वोट कह लीजिए या मीरा कुमार के समर्थक। इसके अलावा राजद आदि के समर्थक बताए जाने वाले मतदाताओं से उन्हें आसरा है।

छेदी पासवान के लिए पीएम ने मांगे वोट 
छेदी पासवान के लिए सासाराम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोट मांग गए हैं। मोहनियां में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का कार्यक्रम स्थगित हो गया, लेकिन प्रधानमंत्री की अपील के बाद युवा मतदाताओं की भाव-भंगिमा देख छेदी आश्वस्त होने लगे हैं। ये जो खामोश मतदाता हैं, उनकी आंखें बेहद चौकस हैं। वे इलाके में हुए विकास कार्यों की पैमाइश कर रहे। इसके साथ ही उन मसलों पर विचार-विमर्श भी कर रहे, जिनसे सासाराम का सुख-दुख जुड़ा हुआ है। इसी सुख-दुख को हवा देकर बसपा जैसी पार्टियां अच्छा-खासा वोट झटक ले जाती हैं और जीत-हार का समीकरण बदल देती हैं। बहरहाल मीरा और छेदी की जुगत अपने हिस्से के वोटों को बंटने से रोकने की है।

2014 के नतीजे 
छेदी पासवान (भाजपा): 366087 
मीरा कुमार (कांग्रेस): 302760 
केपी रमैया (जदयू): 93310

जीत-हार का अंतर: 64307

2009 के नतीजे   
मीरा कुमार (कांग्रेस): 192213 
मुनी लाल (भाजपा): 149259 
ललन पासवान (राजद): 109498

जीत-हार का अंतर 42954

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