स्वास्थ्य के मुद्दों पर बेहतर नेतृत्व करें मेडिकल कॉलेज
मातृ शिशु एवं छोटे बच्चे के पोषण पर एम्स पटना में चल रही दो दिवसीय कार्यशाला का गुरुवार को समानप हो गया।
पटना : मातृ, शिशु एवं छोटे बच्चे के पोषण पर एम्स पटना में चल रही दो दिवसीय कार्यशाला का गुरुवार को समापन हो गया। इस दौरान मेडिकल कॉलेजों में मातृ, शिशु एवं छोटे बच्चों के पोषण को लेकर प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके साथ में मेडिकल कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल एमआइवाइसीएन (मातृ, शिशु व छोटे बच्चों के पोषण) की गुणवत्ता में सुधार पर भी विशेषज्ञों ने मंथन किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए एम्स के निदेशक डॉ. पीके सिंह ने कहा कि स्वास्थ्यगत मुद्दों पर मेडिकल कॉलेजों को बेहतर नेतृत्व करने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों पर बेहतर अनुसंधान को आगे बढ़ाने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने बताया मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की स्वीकृति से एमआइवाइसीएन विषय को भी मेडिकल कॉलेजों के नियमित पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसके लिए इसकी गुणवत्ता पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
एरा यूनिवर्सिटी के डीन व प्रशिक्षक डॉ. एमएम फरीदी ने बताया कि मरीज हमारे सामने हमें भगवान का रूप मानकर अपनी तकलीफ बताने आते हैं। हम चिकित्सकों की जिम्मेदारी बनती है कि हम उन्हें परामर्श देते समय अपने व्यवहार पर ध्यान दें। मरीजों के साथ बेहतर व्यवहार उनकी समस्या को कम करता है। परामर्श के समय अपने आपको मरीज की जगह रखकर देखने व सोचने की जरूरत है, तभी हम अपने में यह व्यवहार परिवर्तन ला सकते हैं।
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: स्तनपान की विधि पर दी गई जानकारी :
सही तरीके से स्तनपान कराना माता के लिए सहज एवं सुगम होता है, मगर अक्सर माताएं जानकारी के अभाव में स्तनपान के दौरान कुछ बातों पर ध्यान नहीं देती हैं। कार्यशाला के दौरान शिशु के सिर की स्थिति, स्तन का सही भाग शिशु के मुख में जाना, शिशु को किसी तरह की तकलीफ होना आदि चीजों पर सही दृष्टिकोण अपनाकर परामर्श देने की बात भी कही गई। : इन संस्थानों ने लिया प्रशिक्षण कार्यशाला में हिस्सा :
दो दिवसीय कार्यशाला में पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (मुजफ्फरपुर), अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (गया) एवं एम्स पटना के चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।