माय सिटी माय प्राइडः बस एक ही सपना, हरा-भरा हो जहां अपना
मिशन हरियाली के सभी 33 सदस्य प्रतिमाह एक-एक हजार रुपये चंदा देते हैं। इसी राशि से पौधे की खरीद की जाती है।
मृत्युंजय मानी, पटना। राजीव रंजन भारती उर्फ राजू की जिंदगी का एक ही मिशन है। वह है हरियाली लाना। इसे साकार करने के लिए उसने स्कूली बच्चों का सहारा लिया है। इनकी मदद से वे अब तक छह सौ स्कूलों में दो लाख अमरूद के पौधे लगवा चुके हैं। अपने सपने पूरी करने के लिए राजू ने पहले खुद अपनी जमीन में पौधारोपण किया। फिर इसकी कामयाबी के लिए मिशन हरियाली, नूरसराय का गठन कर स्थानीय लोगों (33) को जोड़ा। दो साल से शुरू यह अभियान नालंदा होते हुए अब पटना पहुंच गया है।
प्रतिमाह 33 हजार रुपये के लगाते हैं पेड़
मिशन हरियाली के सभी 33 सदस्य प्रतिमाह एक-एक हजार रुपये चंदा देते हैं। इसी राशि से पौधे की खरीद की जाती है। फिर स्कूलों में बच्चों के बीच वितरित कर लगवाया जाता है। अब तक टीम 600 स्कूलों में जाकर दो लाख बच्चों से पौधे लगवा चुकी है। यह अभियान 2016 से चल रहा है।
चिकित्सक पुत्र 42 वर्षीय राजू कहते हैं कि अमरूद के पौधे को बढ़ावा देने के पीछे मकसद है कि कम जमीन पर यह लग जाता है। स्कूलों में सर्वे करने पर पता चला कि बच्चों को फल नहीं मिलता है। अमरूद से हरियाली बढ़ेगी और बच्चों को फल भी मिलेगा। स्कूलों में पौधे के वितरण के पूर्व बच्चों को पौधे के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है।
सरकारी नौकरी छोड़ लगा रहे पेड़
राजू कहते हैं कि पिता स्वर्गीय डॉ. नंदकिशोर प्रसाद की मृत्यु के बाद अनुकंपा पर नौकरी मिल रही थी। बहन और बहनोई भी चिकित्सक हैं। मां कांति सिन्हा हमेशा कहतीं कि बेटा ऐसा काम करो, जिससे दुनिया में नाम हो। कुछ अलग करने की सोच के चलते यह रास्ता चुना। वे बताते हैं कि स्कूलों में बच्चों को सिर्फ अमरूद और नर्सरी के लिए नि:शुल्क अनार, अमरूद, आम, कटहल, जामुन, नीम सहित कई प्रकार के पौधे का वितरण करते हैं।