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जागरुकता से ही लौटेगा पटना का पुराना गौरव, रफ्तार भर रही महानगर बनाने की योजना

एक आईएएस के साथ इंजीनियर होने का लाभ पटना को मिल रहा है। इनके नेतृत्व में ही पटना से लेकर फतुहा के बीच मेट्रोपॉलिटन एरिया की बाउंड्री कराई गई।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 06:00 AM (IST)
जागरुकता से ही लौटेगा पटना का पुराना गौरव, रफ्तार भर रही महानगर बनाने की योजना

राजेश मीणा ने वर्ष 2010 में एनआईटी इलाहाबाद से इंजीनियरिंग करने के बाद वर्ष 2012 में सिविल सेवा में सफलता हासिल की। मधुबनी के बेनीपट्टी में पहली बार एसडीओ के रूप में योगदान दिया। बाद में बेतिया में डीडीसी के रूप में कार्य किया। जहां रहे, जनसुविधाओं और आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया। अब पटना को महानगर बनाने वाली संस्था पटना मेट्रोपॉलिटन कमेटी के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीईओ) हैं।

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एक आईएएस के साथ इंजीनियर होने का लाभ पटना को मिल रहा है। इनके नेतृत्व में ही पटना से लेकर फतुहा के बीच मेट्रोपॉलिटन एरिया की बाउंड्री कराई गई। पहले सभी प्रमुख सड़कों का ड्रोन से सर्वेक्षण कराया और फिर मास्टर प्लान के अनुसार पिलरिंग कराई। अब इसे मूर्त रूप देने की कवायद की जा रही है।

मेट्रोपॉलिटन पटना में प्रधान सड़क 80 मीटर, मुख्य सड़क 60 मीटर और अन्य सड़कें 30 मीटर की होंगी। इसमें कॉलोनियों के साथ शॉपिंग एरिया, पार्क, अस्पताल, ऑडिटोरियम आदि की भी विशेष व्यवस्था होगी। अपने शहर को शानदार बनाने की मुहिम में शामिल हों, यहां करें क्लिक और रेट करें अपनी सिटी 

मीणा कहते हैं, शहर को विकसित और व्यवस्थित बनाने के लिए सॉफ्ट और हार्ड टारगेट लेकर आगे बढ़ना होगा। सॉफ्ट स्किल के तहत शहर में जागरूकता, साक्षरता और समझ बढ़ाने की कवायद करनी होगी। सरकार की ओर से बनाए गए नियम को मानना होगा। इनके अनुपालन के लिए कार्य करना होगा। हार्ड स्किल में अतिक्रमण हटाने से लेकर कई कड़े निर्णय लेने होंगे। इससे शहर में कुछ परिवर्तन दिखेगा।

शहर के विकास के लिए प्लानिंग पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए यहां मानव बल बढ़ाना होगा। सरकार इसके लिए पहल भी कर रही है। इसके तहत संसाधन बढ़ाने के साथ-साथ एक प्लान के तहत नए इलाकों को बसाना होगा, जबकि पुराने एरिया को व्यवस्थित करने के लिए कुछ परिवर्तन करने होंगे। इससे जनसंख्या के अनुरूप पहुंच में आसानी होगी।

किसी भी राज्य या शहर के विकास में शिक्षा का अहम योगदान है। इसके लिए सरकार काफी पहल कर रही है। हर गांव और कस्बों में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र खोल दिए गए हैं। इसमें सरकार की ओर से सोशल ऑडिट कराने की सुविधा दी गई है। स्थानीय लोगों को इस सुविधा को अपना हथियार बनाकर उपयोग करना चाहिए। इससे शिक्षा के गुणवत्ता में व्यापक बदलाव दिखेगा।

अतिक्रमणमुक्त फुटपाथ, जागरूकता की जरूरत
पटना में अतिक्रमण बड़ी समस्या है। शहर की खूबसूरती बाहरी आवरण के साथ-साथ आंतरिक व्यवस्था से भी दिखती है। इसके लिए शहर में इधर-उधर के ठेला-खोमचे वालों को वेंडिंग जोन में बसा कर सड़क को अतिक्रमण मुक्त बनाना होगा। इससे सड़क की चौड़ाई बढ़ेगी। जाम की समस्या से निजात मिलेगी। लोगों को भी जरूरत के सामान आसानी से वेंडिंग जोन से मिल सकेंगे।

किसी भी शहर को गौरव हासिल करने के लिए उसके लोगों को भी अपने स्तर से पहल करनी होगी। इसके लिए स्मार्ट सिटी अभियान के तहत लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। इस जागरूकता अभियान में तेजी लाने की जरूरत है। लोग अपने घर की तरह अपने शहर की साफ-सफाई और प्रतिष्ठा की चिंता करेंगे तो पटना भी पुराना गौरव निश्चित तौर पर हासिल कर पाएगा।


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