पटना को मिले नया औद्योगिक क्षेत्र तो सुनहरी हो तस्वीर
पिछले एक दशक में पटना का चेहरा तेजी से बदला है। सड़क, बिजली, लॉ एंड ऑर्डर सहित अन्य मोर्चे पर यह समृद्ध हुआ है।
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केशरी को उद्योग जगत का लंबा अनुभव है। एसोसिएशन ने उन्हें चौथी बार अपना अध्यक्ष चुना है। एक उद्यमी के रूप में उन्होंने लेदर फैक्ट्री, फाइबर ग्लास प्लास्टिक फैक्ट्री, बोतलबंद पानी, फाइन ब्लैंकिंग फैक्ट्री, जगत रियल एस्टेट और आम्रपाली फूड्स फैक्ट्री की स्थापना की। साथ ही उद्योग जगत से जुड़े नियम-कानून के भी वे जानकार माने जाते हैं। बीआइए का अगुआ होने के नाते समय-समय पर राज्य एवं केंद्र सरकार को सुझाव भी देते रहे हैं।
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वे कहते हैं, पिछले एक दशक में पटना का चेहरा तेजी से बदला है। सड़क, बिजली, लॉ एंड ऑर्डर सहित अन्य मोर्चे पर यह समृद्ध हुआ है। इससे औद्योगिक विकास को भी गति मिली है, लेकिन अभी इस क्षेत्र में काफी काम करना बाकी है। अगर कुछ बातों पर ध्यान दिया जाये तो औद्योगिक मोर्चे पर पटना की सुनहरी तस्वीर देखने को मिलेगी। खासकर ढांचागत सुविधा और एक नये औद्योगिक क्षेत्र की जरूरत है। यहां प्लग एंड प्ले से क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।
प्लग एंड प्ले हो सकता है कारगर
सूक्ष्म और लघु क्षेत्र के उद्यमियों के पास कारोबारी इन्फ्रास्ट्रक्चर का अभाव होता है। अगर उन्हें ढांचागत सुविधा मुहैया करा दी जाए तो उनकी राह आसान हो जाएगी। वे अपना कच्चा माल लेकर ऐसे स्पॉट पर जाएंगे और उत्पादन शुरू कर सकेंगे। ऐसी व्यवस्था पटना शहर के लिए इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि राज्य की बड़ी आबादी यहां रोजगार की तलाश में आती है। आर्थिक रूप से कमजोर उद्यमी 'प्लग एंड प्ले’ से अपना सपना साकार कर सकेंगे। दूसरे को भी रोजगार दे सकेंगे जो स्थायी होगा।
सेवा क्षेत्र में परिवर्तित हो औद्योगिक क्षेत्र
पटना को करीब 60 साल पहले पाटलिुपत्र इंडस्ट्रियल एरिया मिला था। अब यहां अस्पताल, स्कूल, मॉल आदि खुल चुके हैं। अब आवश्यक यह कि इस औद्योगिक क्षेत्र को सेवा क्षेत्र में परिवर्तित कर दिया जाये। इस इलाके में ऐसे उद्यम स्थापित हों जिनसे पर्यावरण संबंधी समस्या उत्पन्न न हो। साथ ही इसे दिल्ली की तर्ज पर फ्री होल्ड भी किया जा सकता है।
पटना को मिले नया औद्योगिक क्षेत्र
पटना शहर की आबादी तेजी से बढ़ने के साथ ही जरूरतें भी काफी बढ़ी हैं। लिहाजा अब पटना को एक नये औद्योगिक प्रांगण की जरूरत महसूस हो रही है। नया औद्योगिक क्षेत्र शहर से 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में हो। यह नया क्षेत्र एक्सप्रेस हाईवे से भी जुड़े।
ढांचागत सुविधाओं पर हो ध्यान
पटना के लिए आवश्यक है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास क्रमबद्ध ढंग से हो। विकास में अगर तारतम्य नहीं है तो इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है इसलिए उद्योगों के सही और वास्तविक विकास के लिए ड्राइपोर्ट, एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स, फल-सब्जी भंडारण शीतगृह जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर की भी जरूरत है।
विपणन का भी हो पुख्ता इंतजाम
उत्पादन के बाद विपणन भी एक समस्या है। जरूरी यह कि शहर में चुनिंदा चयनित स्थलों पर मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाए। इससे बिखरा बाजार संगठित नजर आएगा जिससे शहर की सुंदरता भी बढ़ेगी। इससे बाजार का विकास तेजी से होगा।
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