Move to Jagran APP

पटना: नकल के दौर से बिहार बोर्ड को निकाल बनाया हाईटेक

परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र वायरल नहीं हो इसके लिए मजिस्ट्रेट और केंद्राधीक्षक छोड़ केंद्र के अंदर किसी को मोबाइल लेकर जाने की इजाजत नहीं दी।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 06:00 AM (IST)
पटना: नकल के दौर से बिहार बोर्ड को निकाल बनाया हाईटेक

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति दो साल पहले अपनी लचर व्यवस्था के कारण सुर्खियों में रहता था, लेकिन अब परीक्षा में सख्ती, डिजिटल व्यवस्था, कॉपियों की बार कोडिंग आदि को लेकर चर्चा में है। इस बदलाव का पहला श्रेय वर्तमान बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर को जाता है। 1996 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आनंद किशोर डीएम के रूप में भी काफी सफल रहे।

loksabha election banner

शेखपुरा, नालंदा और मुजफ्फरपुर में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में सख्ती के लिए जाने गए। वे खुद भी बिहार बोर्ड के पूर्ववर्ती छात्र और जिला टॉपर रह चुके हैं। इंटर के अगले साल ही आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में बेहतर रैंक से उत्तीर्ण हुए। आईआईटी खड़गपुर से बीटेक करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ। 

अपने शहर को शानदार बनाने की मुहिम में शामिल हों, यहां करें क्लिक और रेट करें अपनी सिटी 

वे कहते हैं, तकनीक का इस्तेमाल पारदर्शिता बढ़ाता है। मैंने भी बस यही किया। इसका लाभ बिहार बोर्ड के छात्रों को मिल रहा है। वे कहते हैं, बिहार में अच्छे शिक्षण संस्थान हैं, होनहार छात्र और शिक्षक हैं, बस जरूरत इन सबके बीच बेहतर सामंजस्य की है। मैं बस यही कोशिश कर रहा हूं।

सीसीटीवी और वीडियोग्राफी से निगरानी
आनंद किशोर को बिहार बोर्ड की कमान तब मिली, जब बोर्ड 'प्रॉडिकल साइंस' के कारण बदनाम हो गया था। उन्होंने पहली सख्ती परीक्षा केंद्रों पर की। परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी शिक्षक और कर्मी की निगरानी सीसीटीवी और वीडियोग्राफी से शुरू कराई। केंद्रों के आसपास असमाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए गेट और चहारदीवारी के पास भी सीसीटीवी लगाए गए। मजिस्ट्रेट और केंद्राधीक्षक भी स्मार्ट फोन अपने साथ नहीं रख सकते हैं।

सभी तरह के आवेदन ऑनलाइन
बिहार बोर्ड पिछले दो साल से इंटर और मैट्रिक परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन और फॉर्म सहित सभी तरह के आवेदन ऑनलाइन ही स्वीकार कर रहा है। प्रवेश पत्र भी ऑनलाइन माध्यम से ही परीक्षार्थियों को मिल रहे हैं। इसके साथ-साथ स्क्रूटनी सहित शिकायत और समाधान भी ऑनलाइन ही स्वीकार किए जा रहे हैं।

प्राचार्यों का कहना है कि ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण काफी कम समय में त्रुटि सुधार सहित अन्य सभी प्रक्रियाएं पूरी हो रही हैं। स्कूलों में संसाधनों की कमी से थोड़ी परेशानी जरूर होती है, लेकिन रिकॉर्ड रखना अब काफी आसान हो गया है। बच्चों का सारा डेटा अब चिप में सुरक्षित है।

बार कोर्ड ने खत्म किया पैरवी का दौर
परीक्षा के अगले ही दिन कॉपी की बार कोडिंग कर छात्रों से जुड़ी जानकारी खत्म कर दी जाती है। इसके बाद कौन किसकी कॉपी है, यह बार कोडिंग करने वाला कर्मी भी नहीं जान पाता है। इस कारण मूल्यांकन केंद्रों पर पैरवी के लिए लगने वाले अभिभावकों की भीड़ खत्म हो गई। प्राचार्य एके झा का कहना है कि बार कोड के एक मूल्यांकन कार्य में जुड़े शिक्षकों को भी काफी राहत मिली है। पैरवी की आशंका पूरी तरह से खत्म हो गई है।

सॉफ्टवेयर से पकड़े जा रहे फर्जी परीक्षार्थी
इंटर और मैट्रिक की दोबारा परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी को सॉफ्टवेयर चंद मिनट में ही चिह्नित कर लेता है। इसके साथ 25 साल से पुराने डेटा का ऑनलाइन किया जा रहा है। इससे पूर्ववर्ती परीक्षार्थी एक क्लिक में अंक और प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेंगे।

वेरिफिकेशन का टेंशन हुआ दूर
बिहार बोर्ड के परीक्षार्थियों को भी अब अपने अंक और प्रमाण पत्र का वेरिफिकेशन कराने के लिए कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा। बोर्ड के सभी विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में जमा हो रहे हैं। अब वेरिफिकेशन के लिए संबंधित एजेंसी को बस एक क्लिक करना होगा।

सभी प्रमंडलों में कार्यालय
बोर्ड का कार्यालय सभी प्रमंडलों में संचालित किए जा रहे हैं। त्रुटि सुधार सहित सभी तरह के आवेदन प्रमंडलीय कार्यालयों में ही स्वीकार किए जाते हैं। पहले छोटी-छोटी सुधार के विद्यार्थी और अभिभावक को पटना की दौड़ लगानी पड़ती थी। इसके साथ घर बैठे भी किसी तरह की शिकायत और त्रुटि सुधार के लिए विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।

एसएमएस और ईमेल पर जानकारी
परीक्षार्थियों को बोर्ड फॉर्म, परीक्षा और रिजल्ट आदि की जानकारी मोबाइल पर एसएमएस और ईमेल के माध्यम से उपलब्ध करा रहा है। बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर के शब्दों में 10वीं से ही बच्चे ऑनलाइन प्रक्रिया में शामिल होकर राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के लिए तैयार हो रहे हैं।

अपने शहर को शानदार बनाने की मुहिम में शामिल हों, यहां करें क्लिक और रेट करें अपनी सिटी 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.