पटना की महापौर ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, अफसरों पर फोड़ा ठीकरा
पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू ने स्मार्ट सिटी योजना को धरातल पर उतारने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
पटना । पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू ने स्मार्ट सिटी योजना को धरातल पर उतारने के लिए मुख्य सचिव दीपक कुमार को एक पत्र लिखा है। इस बीच उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के अधिकारी बदलते गए और पूर्व से चयनित योजनाओं के क्रियान्वयन पर ग्रहण लगते चला गया। उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों की रुचि चयनित योजनाओं को पूरी कराने के बदले रोकने में ज्यादा दिखी। इस तरह एक-एक कर सभी योजनाएं खटाई में पड़ गई हैं।
महापौर ने पत्र में कहा कि पटना वासियों को स्मार्ट सिटी के सपने को धरातल पर उतारा जाए। अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ पटना के विकास के लिए चयनित सभी योजनाओं पर संकल्प के साथ कार्य करें। महापौर पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी की निदेशिका भी हैं। योजनाओं को पूरा कराने के लिए नगर निगम के पार्षदों का सहयोग लिया। महापौर पदाधिकारियों की कार्य शैली से काफी निराश हैं। अधिकारियों ने एक-एक योजना पर रोक लगा दी और उसे स्थगित कर दिया। पटना के सभी 75 वार्डो व अंचलों में 80 जनसुविधा केंद्रों का निर्माण कराया जाना था, पर इसे कटौती कर 28 जगहों पर बनाने का निर्णय लिया गया। मंदिरी नाला व बाकरगंज नाले का निर्माण पटना स्मार्ट सिटी योजना से कराना है, मगर काम शुरू कर बंद करा दिया गया और फिर उसे स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे स्टेशन क्षेत्र के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए रीडेवलपमेंट योजना का चयन किया गया था। बकरी मार्केट में म्यूनिसिपल मार्केट बनाने का निर्णय किया गया था। महावीर मंदिर से जीपीओ गोलंबर तक के दुकानदारों को शिफ्ट कर वेंडर जोन में जगह देना था और उक्त स्थल पर पार्क का निर्माण किया जाना था। बकरी मार्केट खाली कराया गया और पटना नगर निगम के पुराने भवन को तोड़ा गया। मगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी ने योजना पर रोक लगा दी है। इस बीच नगर विकास मंत्री ने इस योजना को पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड से न कराकर पथ निर्माण विभाग से कराने का सुझाव दिया, जो निर्णय गलत हो गया। पटना कॉलेज घाट पर कैफेटेरिया निर्माण कराने का निर्णय पर भी रोक लगा दी गई है। अदालतगंज तालाब का सौंदर्यीकरण का काम भी काफी धीमा है। गांधी मैदान के आसपास भवनों पर रोशनी की व्यवस्था करने का प्रस्ताव था, जो अधर में है। स्मार्ट सिटी के तहत वार्ड-69 व वार्ड-58 के क्षेत्र में गुजरने वाली मोट नाला का निर्णय, गर्दनीबाग कच्ची तालाब का सौंदयीकरण, वार्ड-47 के बहादुरपुर व वार्ड-69 के मथनीतल में तालाब का निर्माण, सरपेंटाइल नाले का निर्माण, पटेल नाले का निर्माण, राजेंद्र नगर में ड्रामा स्कूल का निर्माण, बुजुर्गो के लिए ओेल्ड होम का निर्माण, ट्रांसपोर्ट नगर का सौंदर्यीकरण आदि कराना था, मगर इन सभी योजनाओं पर अधिकारियों ने पेच फंसा दिया है।