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अनंत सिंह के एक और करीबी पर गाज, छिन गई मेयर की कुर्सी

मेयर अफजल इमाम की कुर्सी पांच साल बाद गुरुवार को चली गई। एसके पुरी सामुदायिक भवन में मेयर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। जिसमें मेयर के खिलाफ 38 वोट पड़े। मतदान में कुल 42 पार्षदों ने हिस्सा लिया था।

By Pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2015 11:29 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2015 10:35 PM (IST)
अनंत सिंह के एक और करीबी पर गाज, छिन गई मेयर की कुर्सी

पटना। जदयू के बाहुबली विधायक विधायक अनंत सिंह के एक और करीबी पर गाज गिर गई। पटना के मेयर अफजल इमाम की कुर्सी पांच साल बाद आखिरकार दूसरी बार आए अविश्वास प्रस्ताव के बाद चली गई। एसके पुरी सामुदायिक भवन में मेयर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। जिसमें मेयर के खिलाफ 38 वोट पड़े। मतदान में कुल 42 पार्षदों ने हिस्सा लिया था। जिसमें से चार वोट अवैध घोषित किए गए। 30 पार्षदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था।

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देखें तस्वीरें- हंगामेदार अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही में हटाए गए पटना के मेयर

पौने दो घंटे चली बैठक : अविश्वास के खिलाफ बैठक सुबह 11 बजे शुरू होनी थी। विरोधी पार्षद व अधिकारी समय से पूर्व कम्युनिटी हॉल में पहुंच चुके थे। मेयर करीब दस मिनट बाद अपने दस समर्थक पार्षदों के साथ हॉल में पहुंचे। जिसके बाद सदन की कार्रवाई शुरू हुई।

बैठक की अध्यक्षता उप महापौर रूप नारायण कर रहे थे। इस बार अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष व विपक्ष में एक-एक पार्षद को बोलने की अनुमति दी गई। मेयर के समर्थन में वार्ड-22 के पार्षद संजीव कुमार व अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पूर्व उप महापौर विनय कुमार पप्पू ने अपनी बातें रखीं।

सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था : विरोधी गुट ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा हंगामा की आशंका व्यक्त की गई थी। इस संबंध में उन्होंने पूर्व में जिलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन भी सौंपा था। उन्होंने जिलाधिकारी से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आहूत विशेष बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित करने की मांग की थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि एसके पुरी सामुदायिक भवन के बाहर गुरुवार को सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था दिखी।

प्रशासन की तरफ से वहां दंडाधिकारी भी तैनात थे। पुलिस वाले बिना परिचय जाने किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दे रहे थे। पार्षदों की गाडिय़ां भी कैंपस में खड़ी नहीं हुईं। मतदान के दौरान वहां मौजूद दंडाधिकारियों ने प्रभारी नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक के आदेश पर तमाम मीडिया के छायाकारों को सभाकक्ष से बाहर कर दिया। परिणाम की घोषणा के बाद दोबारा उन्हें हॉल में प्रवेश की अनुमति दी गई।

मेयर ने तमाम आरोपों को किया खारिज : मेयर अफजल इमाम ने अविश्वास प्रस्ताव में अपने ऊपर लगाए गए तमाम आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने तमाम आरोपों को खारिज कर दिया। कहा कि अगर मेरी शक्ल किसी को पसंद नहीं तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं? इस दौरान उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाई। विरोधी पार्षदों पर चुटकी भी ली। देश के लोकतंत्र व संविधान को सलाम कर अपनी बात समाप्त की।

मेयर व उनके समर्थक पार्षदों ने नहीं दिया वोट : पिछली बार की तरह इस बार भी मेयर के अधिकांश समर्थक पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में नहीं आए। मेयर अपने करीब 10 करीबी पार्षदों के साथ बैठक में पहुंचे थे। उनके समर्थकों ने अपनी बारी आने पर मौखिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया, लेकिन मतदान में हिस्सा नहीं लिया। वार्ड पार्षद दीपक चौरसिया ने अध्यक्ष से इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेने की अपील की।

फिर हुई गद्दारी : विरोधी गुट इस बार मेयर को हटाने में कामयाब रहा। फिर भी मतदान में भाग लेने वाले चार पार्षदों ने गद्दारी की। मतपत्र पर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष या विरोध के दो खाने बने थे। जिसके सामने पार्षदों को क्रॉस का चिन्ह लगाना था।

चार पार्षदों ने क्रॉस की जगह दूसरे चिन्ह बना दिए। जिसके कारण उनके मत को रद घोषित कर दिया गया। हालांकि मीटिंग शुरू होने से पूर्व व मेयर अफजल इमाम के बाडी लैंग्वेज को देखकर अंदाजा लग गया था कि इस बार भी पिछली बार की तरफ गद्दारी होगी। जीत के बाद विरोधी खेमा गद्दारों की पहचान करने का प्रयास करेगा।

अनंत सिंह फैक्टर के असर की बात : मेयर अफजल इमाम विधायक अनंत सिंह के करीबी बताए जाते हैं। पिछली बार जब वे अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे थे तो विरोधियों ने कहा था कि अनंत सिंह के कारण उनकी कुर्सी बची है। इस बार खुद अनंत सिंह जेल में हैं। विरोधियों को पहले से ही भरोसा था कि इस बार अनंत फैक्टर काम नहीं करेगा। हुआ भी कुछ ऐसा ही। मेयर गुरुवार को अपनी कुर्सी बचाने में नाकाम रहे।

भारत माता की जय के लगे नारे : मतपत्रों की गिनती पूरी होते ही विरोधी खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। विरोधी पार्षदों ने तालियां बजा अपनी जीत की खुशी का इजहार किया। सभी एक दूसरे से हाथ मिलाकर जीत की बधाई दे रहे थे। उन्होंने मेयर व उनके समर्थक पार्षदों से भी हाथ मिलाया।

परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद मेयर अपने समर्थकों के साथ हॉल से बाहर निकल गए। उसके बाद उत्साहित पार्षदों ने पार्षद एकता जिंदाबाद, भारत माता की जय के नारे लगाए। पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू ने इस जीत को पिछले पांच सालों के नगर निगम के काले अध्याय की समाप्ति बताया। मीडिया वालों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आज तो जश्न का दिन है। जल्द ही हम सब मिलकर नए मेयर के नाम पर सर्वसम्मत फैसला ले लेंगे। एक महीने के भीतर पटना को नया मेयर मिल जाएगा। इस बीच रूटीन काम प्रभारी मेयर के रूप में उप महापौर रूप नारायण देखेंगे।


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