बिहार की इस सीट को अभी भी कद्दावर नेता का इंतजार, फीका है चुनाव प्रचार; मतदान के लिए बचे सिर्फ 4 दिन
मसौढ़ी विधानसभा चुनाव में प्रचार का रंग फीका है क्योंकि किसी भी पार्टी के बड़े नेता प्रचार के लिए नहीं आए हैं। उम्मीदवार अपने दम पर मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मतदाताओं में उत्साह की कमी है। यह संभवतः पहला चुनाव है जब किसी भी दल का कोई कद्दावर नेता प्रचार के लिए नहीं पहुंचा है, जिससे मतदाताओं में निराशा है।
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प्रस्तुति करने के लिए इस्तेमाल की गई फाइल फोटो। (जागरण)
संवाद सहयोगी, मसौढ़ी। मसौढ़ी विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान में अब मात्र चार दिन और प्रचार के लिए तीन दिन शेष रह गए हैं।
लेकिन किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने के लिए उनके दल का कोई कद्दावर नेता अबतक यहां नहीं आ सके हैं और प्रत्याशी अपने दम पर ही चुनाव प्रचार कर मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे हैं। इससे प्रचार का रंग फीका है और मतदाताओं का जोश भी चुनावी परवान नहीं चढ़ पा रहा है।
मसौढ़ी विधानसभा का संभवतः यह पहला चुनाव है जब किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने उनके दल अथवा गठबंधन के घटक दलों का कोई कद्दावर नेता नहीं आया हो।
इसकी पुरजोर चर्चा आम मतदाताओं के बीच में भी हो रही है। कद्दावर नेताओं के भाषण को सुनने की इच्छा पाल रखे मतदाता इसकी वजह नहीं समझ पा रहे हैं।
उनके नहीं आने से आम मतदाता मायूस हैं। वहीं, चुनाव प्रचार का रंग भी फीका है। हालांकि, सभी उम्मीदवार अपने अपने ढंग से अपने पक्ष में मतदान के लिए मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे हैं। हालांकि, अभी भी प्रचार के लिए तीन दिन बचे हैं और प्रत्याशियों की ओर से संबंधित दलों के कद्दावर नेता की मांग की जा रही है।
देखना लाजिमी होगा कि इन तीन दिनों में किस किस दल के कौन कौन कद्दावर नेता अपने पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने आते हैं अथवा अपने प्रत्याशियों को अपने ही दम पर अपनी चुनावी बैतरनी पार करने को छोड़ देते हैं।

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