बिहार के एक गांव में आधार कार्ड की वजह से रुक गई शादी, जानिए पूरा मामला
बिहार के बक्सर जिले में आधार कार्ड और कुंडली के पेंच में एक लड़की की शादी रूक गई। परिजनों द्वारा गुहार लगाये जाने के बावजूद पुलिस ने एक न सुनी।
बक्सर [जेएनएन]। बिहार के बक्सर जिले में आधार कार्ड की वजह से एक लड़की की शादी रूक गई। परिजन गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिसवालों ने एक न सुनी।
रविवार को जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के महदह गांव में हो रही एक शादी में उस वक्त खलल पड़ गया जब बाल विवाह की सूचना पर पुलिस ने रोक लगा दी। हालांकि, इस संबंध में एसपी राकेश कुमार से भी सारी तैयारियों का हवाला देते हुए शादी संपन्न होने देने के लिए निवेदन किया गया, लेकिन उन्होंने इससे साफ इंकार करते हए अगली तारीख तय करने को कहा।
बाल विवाह होने की मिली गुप्त सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लड़की की उम्र सत्यापन के लिए दस्तावेज मांगे। पुलिस के समक्ष जो दस्तावेज प्रस्तुत किया गया, उसमें कुण्डली के अनुसार लड़की बालिग हो चुकी है। लेकिन पुलिस ने जब उसके आधारकार्ड की जांच की तो लड़की के बालिग होने में अभी चार माह की देरी थी। पुलिस ने कुण्डली को प्रमाण नहीं मानते हुए शादी को पूरी सख्ती के रोकने का आदेश दिया।
इस संबंध में कन्या पक्ष के लोगों ने एसपी से भी सारी तैयारियों का हवाला देते हुए गुहार लगाई। पर, इसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया।
गौरतलब है कि महदह निवासी मुन्ना यादव की पुत्री संध्या की शादी पुराना भोजपुर के गोपालडेरा निवासी हरेराम यादव के पुत्र राजेश कुमार यादव के साथ तय हुई थी। रविवार को ही बारात आनी थी पर उम्र के सत्यापन के पेंच फंसकर शादी होते होते टल गई। इस दौरान पुलिस ने वर पक्ष को बारात लेकर आने से साफ मना कर दिया।