प्रतिमाओं के वस्त्र और चुनरी के कारोबारियों में मायूसी
शारदीय नवरात्र को लेकर सजे बाजार में लाल चुनरी व देवी वस्त्र उपलब्ध है
पटना। शारदीय नवरात्र को लेकर सजे बाजार में लाल चुनरी व देवी वस्त्र उपलब्ध है। गत वर्ष की तरह इस बार बिक्री नहीं होने से कारोबारियों में मायूसी है। पंडालों में देवी प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं मिलने के कारण कारोबार का दायरा मंदिरों में विराजी भगवती के वस्त्र तक ही सिमट गया है। कारोबारियों की पूरी तैयारी इस बार धरी की धरी रह गयी है।
कहां से आती है सामग्री : बाजार में चुनरी, ब्रॉकेट, साड़ी, साटन व अन्य देवी वस्त्र उपलब्ध हैं। इसके कारोबार से जुड़े रामबाग के व्यवसायी मनोज सुल्तानिया व खाजेकलां के अश्वनी उदय ने बताया कि चुनरी की आवक रामपुर व वाराणसी से होती है। स्थानीय स्तर पर साड़ी खरीद गोटा लगा चुनरी बनाने का काम कारीगर करते हैं। बाजार में चुनरी 25 रुपये से लेकर 800 रुपये प्रति पीस उपलब्ध है। देवी के वस्त्र में उपयोग आने वाली ब्रॉकेट साड़ी, साटन व अन्य देवी वस्त्र की आवक पटना की मंडियों में सूरत, अहमदाबाद, मऊ व लुधियाना से होती है।
मेले पर प्रतिबंध से व्यवसाय को नुकसान : दुकानदारों का कहना है कि दुर्गा पूजा के मेले पर रोक लगाने का नुकसान व्यवसाय को होगा। पंडाल और प्रतिमाएं बनतीं तो बाजार के हर सेक्टर को फायदा होता।
कीमतों पर एक नजर
चुनरी : 25 से 800 रुपये प्रति पीस
पट्टी : 10 से 50 रुपये प्रति पीस
गार्डेन : 50 से 120 रुपये प्रति मीटर
साटन : 60 से 180 रुपये प्रति मीटर
ब्रोकेट : 60 से 700 रुपये प्रति मीटर
जरी ब्रॉकेट : 150 से 275 रुपये प्रति मीटर