Patna Metro Project: पटना मेट्रो परियोजना में एक के बाद एक लग रहे हैं अड़ंगे, अध्यक्ष का तबादला होने से फंसे कई मामले
पटना मेट्रो परियोजना में एक के बाद एक अड़ंगे सामने आ रहे हैं। अब नया मामला अध्यक्ष का है। अध्यक्ष के तबादला हो जाने से परियोजना के कई निर्णय फिलहाल अधर दिखने लगे हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना मेट्रो परियोजना में एक के बाद एक अड़ंगे सामने आ रहे हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर पांच महीने बाद राज्य सरकार ने बीते दिनों आइएएस अधिकारी आनंद किशोर की पटना मेट्रो के एमडी के रूप में नियुक्ति की थी। अब केंद्र सरकार ने अध्यक्ष का तबादला कर दिया है। इसका असर मेट्रो परियोजना पर पडऩा तय माना जा रहा है। एमडी की नियुक्ति के बाद अध्यक्ष की कुर्सी खाली होने की वजह से पांच महीने से प्रस्तावित पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) की निदेशक मंडल की बैठक फिर से अधर में लटक गयी है।
बता दें कि पटना मेट्रो में केंद्र सरकार व राज्य सरकार की आधी-आधी हिस्सेदारी होने की वजह से पीएमआरसीएल का अध्यक्ष केंद्र सरकार नियुक्त करती है, जबकि एमडी की नियुक्ति की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर थी। अब 12 मई को केंद्र सरकार ने पटना मेट्रो के अध्यक्ष शिवदास मीणा का तबादला केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया।
अध्यक्ष पद के खाली होने जाने से पीएमआरसीएल के कई निर्णयों पर ग्रहण लग गया है। इसमें मेट्रो के डिब्बे (कोच) का आकार 2900 से बढ़ाकर 3200 एमएम डाइमेंशन तय किए जाने, एलाइनमेंट में बदलाव संबंधित निर्णय, आइएसबीटी में 4000 वर्गमीटर की जमीन पर आरएसएस (रिसीविंग सब-स्टेशन) बनाने जैसे निर्णय लंबित है।
दरअसल, मेट्रो के लिए विद्युत संबंधित सभी कार्य संचालित करने को आरएसएस पर निर्णय जरूरी है। यहीं से पूरे मेट्रो लाइन के लिए बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इसी तरह, कंपनी एक्ट की तमाम औपचारिकताएं नए सिरे से पूरी करनी होगी। नियुक्ति प्रक्रिया संबंधित प्रस्ताव और दो डिपो में कटौती कर एक कर दिया गया है। इसी तरह कई और ऐसे निर्णय है जिस पर अध्यक्ष की अनुमति आवश्यक है।
खास बातें
- इसी हफ्ते प्रस्तावित थी पीएमआरसीएल के निदेशक मंडल की बैठक
- कोच का आकार, यार्ड निर्माण और समेत कई प्रस्ताव पर लंबित है फैसला
- कंपनी एक्ट की तमाम औपचारिकताएं नए सिरे से पूरी करनी होंगी