आयकर की छापेमारी के बाद पटना के कई बिल्डर अंडरग्राउंड, कई नेताओं और अफसरों का छूटा पसीना
IT Raid in Patna आयकर की छापेमारी के दौरान मिली डायरी में नेताओं और अधिकारियों के भी नाम शामिल हैं। फिलहाल तो यह मामला 200 करोड़ से 250 करोड़ रुपये का दिखाई दे रहा है लेकिन इसका दायरा इससे कहीं बड़ा है।
पटना, जागरण संवाददाता। बीते बुधवार और गुरुवार को पटना जिले के बिहटा स्थित अमहारा कंस्ट्रक्शन के मालिक राकेश सिंह के ठिकानों पर हुई छापेमारी के बाद कई बिल्डर अंडरग्राउंड हो गये हैं। साथ ही अपने बचाव के लिए साक्ष्यों व कागजातों को भी रफा-दफा करने में जुटे हुए हैं। इधर आयकर विभाग के जांच का दायरा भी और बड़ा हो चला है। बिल्डर एसोसिएशन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि करीब एक दर्जन बिल्डर अंडरग्राउंड हो गये हैं। उनका मोबाइल फोन भी बंद है। मिली जानकारी के अनुसार ये बिल्डर सीमेंट से जुड़े फर्जीवाड़ा में शामिल हैं। सरकारी निर्माण कार्य के लिए आने वाला सीमेंट का ये उपयोग करते थे और इसका फर्जी बिल बनता था। सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत भी इसमें सामने आई है।
डायरी में मिले कई नेताओं और अफसरों के नाम
मामले में छापेमारी के दौरान मिली डायरी में नेताओं और अधिकारियों के भी नाम शामिल हैं। फिलहाल तो यह मामला 200 करोड़ से 250 करोड़ रुपये का दिखाई दे रहा है लेकिन इसका दायरा इससे कहीं बड़ा है। बता दें कि अमहारा कंस्ट्रक्शन के मालिक के चार राज्यों स्थित 22 ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। इसमें पटना के इक्जीविशन रोड, बाजार समिति, राजेन्द्र नगर, बिहटा के अमहारा, झारखंड के देवघर, महाराष्ट्र के पुणे व मुंबई, पश्चिम बंगाल के कोलकाता के ठिकाने भी शामिल हैं। बिल्डर एसोसिएशन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से यह खेल चल रहा था। पहले इसमें दो- चार बिल्डर ही शामिल थे लेकिन बाद में पैसे के लालच में अन्य कई बिल्डर भी शामिल हो गये। आपसी खींच तान की वजह से यह भांडा फूट गया।
अमहारा कंस्ट्रक्शन के चार निदेशक भी रडार पर
आयकर की चोरी में अमहारा कंस्ट्रक्शन के मालिक राकेश सिंह के अलावा कंपनी के चार निदेशकों से भी पूछताछ होगी। अभी तक दो सौ करोड़ से ज्यादा की कर चोरी का पता चला है। इसके अलावा राकेश सिंह के कुछ रिश्तेदार भी आयकर की रडार पर हैं। इनमें कंपनी मालिक के भाई राजेश सिंह भी शामिल हैं। वह चकाई में रेंजर के पद पर तैनात हैं, लेकिन माना जा रहा है कि कंस्ट्रक्शन के कारोबार में उनकी भी बड़ी भूमिका है। वह अधिकारियों के संपर्क में रहकर कंपनी के लिए लाइजनिंग का काम करते हैं। शनिवार को सर्वे का काम पूरा हो गया है। अभी तक कंपनी के कुल दस लाकरों का पता चला है। इनमें से पांच पटना के विभिन्न बैंकों में हैं और बाकी मुंबई समेत अन्य शहरों में हैं।
आयकर सूत्रों ने बताया कि कंपनी के बरामद कागजात, अबतक के सर्वे और निदेशकों से पूछताछ से जो सूचनाएं मिलेंगी, उसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक आयकर टीम को कई अहम सूचनाएं मिली हैैं। करीब पांच करोड़ नकद और दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की बेनामी लेन-देन के सबूत मिले हैैं। अंतिम कार्रवाई तक कर चोरी की यह राशि और बढ़ भी सकती है।
सूत्रों के मुताबिक अमहारा कंस्ट्रक्शन के पटना समेत अमहारा, देवघर, पुणे, नेउरा, नोएडा, गाजियाबाद, कोलकाता एवं मुंबई समेत कई ठिकानों पर लगातार चार दिनों के आयकर टीम ने सर्वे किया। इस दौरान बरामद कागजात एवं लाकरों को खोलकर अगले एक-दो दिनों में आगे की कार्रवाई की जाएगी। सभी ठिकानों से बरामद कागजात, बैंक जमा खाते, जीएसटी में गड़बड़ी एवं अन्य प्रकार की कर चोरी का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कई स्थानों पर प्लाट एवं फ्लैट की जानकारी भी टीम को मिली है।