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भाजपा के कई नेता मंत्री पद के लिए बेचैन, शाहनवाज हुसैन के जरिये पार्टी ने सभी नेताओं को दे दिया है संदेश

Bihar Cabinet Expansion बिहार में मंत्रिमंडल विस्‍तार की घड़ी अब नजदीक आ गई है। सरकार गठन के दो महीने बाद मंत्रिमंडल का पहला विस्‍तार होने जा रहा है। इसमें पहले ही काफी देर हो चुकी है। विपक्ष ने भी इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा था।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 12:56 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 09:07 AM (IST)
भाजपा के कई नेता मंत्री पद के लिए बेचैन, शाहनवाज हुसैन के जरिये पार्टी ने सभी नेताओं को दे दिया है संदेश
बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान शाहनवाज हुसैन। जागरण

पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: बिहार में नई सरकार (Bihar Government News) के गठन के दो महीने से अधिक वक्‍त गुजर जाने के बाद भी राज्‍य में मंत्रिमंडल विस्‍तार (Cabinet Expansion in Bihar) नहीं हो सका है। इसको लेकर भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) दोनों दलों के विधायकों में बेचैनी है। कई ऐसे विधायक हैं, जो मंत्री बनने के लिए बेताब हैं। दोनों दलों में ऐसे नेता हैं जिन्‍होंने लंबे समय तक बिहार की सरकार में मंत्री पद (Minister in Bihar Government) संभाला है, लेकिन इस बार सरकार के मंत्रियों (Bihar Ministers) के पहले शपथ ग्रहण में उन्‍हें मौका नहीं मिला। ऐसे कितने नेताओं को मंत्रिमंडल विस्‍तार में मौका मिलेगा, यह अभी तय नहीं। इससे पहले भाजपा ने अपने वैसे नेताओं को एक संदेश दे दिया है, जो खुद को वरिष्‍ठ और मंत्री पद (Bihar Cabinet) का दावेदार मानते हैं। यह संदेश भाजपा ने अपने वरिष्‍ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन (Syed Shahnawaj Husain) के जरिये दिया है।

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लंबे समय तक सरकार से बाहर रहकर भी शाहनवाज ने निभाई वफादारी

शाहनवाज हुसैन भाजपा के ईमानदार और समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। वे लंबे समय तक सदन और सरकार दोनों से बाहर रहे। पार्टी ने उन्‍हें छोटी-बड़ी जो भी जिम्‍मेदारी दी, उसे उन्‍होंने हंसी-खुशी पूरा किया। 2014 के संसदीय चुनाव में शाहनवाज भागलपुर सीट (Bhagalpur) से चुनाव हार गए। इसके बाद वे लगातार पार्टी के लिए काम करते रहे। 2019 के संसदीय चुनाव (Parliamentry Election) में पार्टी ने उन्‍हें उम्‍मीदवार नहीं बनाया। इसके बावजूद उन्‍होंने कही भी नाराजगी या असंतोष का प्रदर्शन नहीं किया। यहां तक कि कभी उन्‍होंने खुलकर यह भी नहीं कहा कि वे पार्टी से टिकट चाहते हैं या चुनाव लड़ना चाहते हैं।

पार्टी के प्रति समर्पण का मिल सकता है इनाम, बिहार में निभाएंगे अहम भूमिका

पूर्व उप मुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Ex Deputy Chief Minister Sushil Kumar Modi) को बिहार की राजनीति से हटाकर राज्‍यसभा (Rajyasabha) में भेजे जाने के बाद भाजपा को बिहार में एक मजबूत छवि वाले नेता की जरूरत थी। शाहनवाज इस स्‍थान को भर सकते हैं। पार्टी ने उन्‍हें उम्‍मीदवार भी सुशील मोदी की छोड़ी गई सीट से ही बनाया है। बिहार में उनको अहम जिम्‍मेदारी दी जाएगी, इसकी संभावना इस बात से बन रही है कि पार्टी के प्रति उनकी निष्‍ठा पर किसी को कोई संदेह नहीं रहा है। मोदी-अमित शाह के दौर में पार्टी की अंदरुनी खींचतान से अलग रहकर शाहनवाज हमेशा संगठन और नेतृत्‍व के प्रति ईमानदार बने रहे।

भाजपा के इन नेताओं को पार्टी के निर्देश का इंतजार

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और गया से लगातार जीत दर्ज करने वाले विधायक प्रेम कुमार (Prem Kumar) और पटना साहिब के विधायक नंद किशोर यादव (Nand Kishor Yadav) को नई सरकार में अब तक कोई जिम्‍मेदारी नहीं मिली है। ये दोनों नेता संगठन के काम में लगातार लगे हुए हैं। इनके अलावा भी कई विधायक हैं जिनको सरकार में जिम्‍मेदारी मिलने की आस है। विनोद नारायण झा विधान परिषद की सीट छोड़कर विधानसभा में आए हैं। वे भी बिहार सरकार में मंत्री पद संभाल चुके हैं।


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