BSEB Bihar Board Result 2019 Declared: 10वीं व 12वीं में 45% से कम अंक हैं तो न हों परेशान, ये हैं ऑप्शन
BSEB Bihar Board 10th Matric result 2019 बिहार बोर्ड ने मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया है। परीक्षा में कम अंक आए हैं तो परेशान न हों। ऐसे परीक्षार्थियों के लिए भी विकल्प हैं ।
By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 01:03 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 11:49 AM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) ने शनिवार को 10वीं या मैट्रिक का रिजल्ट घोषित किया। परीक्षा में अगर 45 फीसद से कम अंक आए तब? घबराइए नहीं, 10वीं या 12वीं में कम अंक लाने वाले ऐसे छात्रों के लिए भी आगे बढ़ने के मौके उपलब्ध हैं।
बंद नहीं हुए सभी रास्ते
मैट्रिक (10वीं) या इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा में 45 फीसद या इससे कम अंक लाने वाले परीक्षार्थी निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि आगे के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। लेकिन हकीकत में ऐसा है नहीं है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के प्रावधानों के तहत स्नातक के रेगुलर कोर्स में नामांकन के लिए 12वीं में कम-से-कम 45 फीसद अंक चाहिए। ऐसे में हाल ही में घोषित 12वीं के रिजल्ट के 45 फीसद या कम अंक प्राप्त परीक्षार्थी भी परेशान हैं।
ये विकल्प हैं उपलब्ध
ऐसे में आखिर क्या करें कम अंक लाने वाले परीक्षार्थी? 45 फीसद से कम अंक लाने वाले परीक्षार्थियों के पास उपलब्ध विकल्पों पर डालते हैं एक नजर...
- प्राइवेट से फिर परीक्षा का फॉर्म भर सकते हैं।
- एनआइओएस से 10वीं या 12वीं की परीक्षा दोबारा दे सकते हैं।
- दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस ऐजुकेशन) के कोर्स में नामांकन करा सकते हैं। ऐसे कोर्स में 45 फीसद अंक की बाध्यता नहीं है।
एनआइओएस: एक बेहतर विकल्प
अगर आपको 45 फहसद के कम अंक आए हैं या फेल हो गए हैं और साल बचाना चाहते हैं तो एनआइओएस (NIOS) बेहतर विकल्प है। इस बोर्ड सेआप 10वीं या 12वीं कर सकते हैं। एनआइओएस की स्थापना इसी उद्देश्य से की गईहै कि यह कम अंक वाले या फेल परीक्षार्थियों को मौका दे। इसके माध्यम से परीक्षार्थी अपना साल बचा सकते हैं।
एनइाइओएस दो तरह के पाठ्यक्रम चलाता है। इसका पहला सेकेंडरी पाठ्यक्रम मैट्रिक के तो दूसरा सीनियर सेकेंडरी पाठ्यक्रम 12वीं के समकक्ष है। न्यूनतम 8वीं तक की पढ़ाई कर चुके 14 साल या अधिक के छात्र सेकेंडरी परीक्षा के लिए तो 15 वर्ष से अधिक के छात्र सीनियर सेकेंडरी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
बंद नहीं हुए सभी रास्ते
मैट्रिक (10वीं) या इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा में 45 फीसद या इससे कम अंक लाने वाले परीक्षार्थी निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि आगे के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। लेकिन हकीकत में ऐसा है नहीं है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के प्रावधानों के तहत स्नातक के रेगुलर कोर्स में नामांकन के लिए 12वीं में कम-से-कम 45 फीसद अंक चाहिए। ऐसे में हाल ही में घोषित 12वीं के रिजल्ट के 45 फीसद या कम अंक प्राप्त परीक्षार्थी भी परेशान हैं।
ये विकल्प हैं उपलब्ध
ऐसे में आखिर क्या करें कम अंक लाने वाले परीक्षार्थी? 45 फीसद से कम अंक लाने वाले परीक्षार्थियों के पास उपलब्ध विकल्पों पर डालते हैं एक नजर...
- प्राइवेट से फिर परीक्षा का फॉर्म भर सकते हैं।
- एनआइओएस से 10वीं या 12वीं की परीक्षा दोबारा दे सकते हैं।
- दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस ऐजुकेशन) के कोर्स में नामांकन करा सकते हैं। ऐसे कोर्स में 45 फीसद अंक की बाध्यता नहीं है।
एनआइओएस: एक बेहतर विकल्प
अगर आपको 45 फहसद के कम अंक आए हैं या फेल हो गए हैं और साल बचाना चाहते हैं तो एनआइओएस (NIOS) बेहतर विकल्प है। इस बोर्ड सेआप 10वीं या 12वीं कर सकते हैं। एनआइओएस की स्थापना इसी उद्देश्य से की गईहै कि यह कम अंक वाले या फेल परीक्षार्थियों को मौका दे। इसके माध्यम से परीक्षार्थी अपना साल बचा सकते हैं।
एनइाइओएस दो तरह के पाठ्यक्रम चलाता है। इसका पहला सेकेंडरी पाठ्यक्रम मैट्रिक के तो दूसरा सीनियर सेकेंडरी पाठ्यक्रम 12वीं के समकक्ष है। न्यूनतम 8वीं तक की पढ़ाई कर चुके 14 साल या अधिक के छात्र सेकेंडरी परीक्षा के लिए तो 15 वर्ष से अधिक के छात्र सीनियर सेकेंडरी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें