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Makar Sankranti: मकर संक्रांति इस बार 14 को, सुबह 8:30 बजे से शाम 4:46 बजे तक शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti Date पंडितों के मुताबिक मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी को पड़ रही है। सूर्य होंगे उत्तरायण श्रवण नक्षत्र में जाने पर गंगा स्‍नान और दान-पुण्‍य करने का विधान है। इसके बाद शुभ कार्य के मुहूर्त भी शुरू हो जाएंगे।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 10:08 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 06:01 PM (IST)
Makar Sankranti: मकर संक्रांति इस बार 14 को,  सुबह 8:30 बजे से शाम 4:46 बजे तक शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति को है गंगा स्‍नान का विधान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Makar Sankranti: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन प्रत्यक्ष देवता सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। सूर्य का उत्तरायण होना बेहद शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को श्रवण नक्षत्र में मनाया जाएगा। इस दिन गंगा नदी या पवित्र जल में स्नान करने का विधान है। साथ ही इस दिन गरीबों को गर्म कपड़े, अन्न का दान करना शुभ माना गया है। संक्रांति के दिन तिल से निर्मित सामग्री ग्रहण करने शुभ होता है।

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खरमास खत्‍म होते ही शुरू होंगे मांगलिक कार्य

पंडित अशोक पाठक ने बताया कि भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के बाद खरमास (Kharmas) का भी समापन होगा और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात के तौर पर माना जाता है। इस दिन तिल का दान करने का अत्यधिक महत्व है। 14 जनवरी को दोपहर दो बजकर पांच बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के उत्तरायण होने से मनुष्य की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार असुरों पर भगवान विष्णु की विजय के तौर पर भी मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।

मकर संक्रांति पर ही भगवान विष्‍णु ने किया था असुरों का संहार

मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर फेंका था। भगवान की जीत को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है। शरद ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है और इसके बाद बसंत मौसम का आगमन आरंभ हो जाता है। इसके फलस्वरूप दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर  संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं। ऐसे में पिता और पुत्र के बीच प्रेम बढ़ता है। ऐसे में भगवान सूर्य और शनि की अराधना शुभ फल देने वाला होता है। संक्रांति पर शुभ मुहूर्त सुबह 8:30 बजे से शाम 4::46 बजे तक है।


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