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राम मंदिर आंदोलन का बड़ा चेहरा थे महंत कन्हैया दास रामायणी, पटना के अस्‍पताल में गुजरे आखिरी 20 दिन

Mahant Kanhaiya Das Ramayanai Death राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले महंत कन्हैया दास रामायणी के निधन से पटना का संत समाज भी काफी दुखी है। महंतजी का शुक्रवार को दोपहर दो बजे पटना के ही महावीर कैंसर अस्‍पताल में निधन हो गया।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 07:25 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 07:25 AM (IST)
राम मंदिर आंदोलन का बड़ा चेहरा थे महंत कन्हैया दास रामायणी, पटना के अस्‍पताल में गुजरे आखिरी 20 दिन
स्‍वर्गीय महंत कन्हैया दास रामायणी जी की फाइल फोटो। जागरण आर्काइव

पटना, जागरण संवाददाता। राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले महंत कन्हैया दास रामायणी के निधन से पटना का संत समाज भी काफी दुखी है। महंतजी का शुक्रवार को दोपहर दो बजे पटना के ही महावीर कैंसर अस्‍पताल में निधन हो गया। यह अस्‍पताल पटना जंक्‍शन के महावीर मंदिर की ओर से चलाया जाता है। बताया जा रहा है कि फेफड़े के संक्रमण के कारण महंत काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। 20 दिनों से वह महावीर कैंसर हास्पिटल, पटना में भर्ती थे। उनके इलाज का पूरा खर्च महावीर मंदिर की ओर से वहन किया जा रहा था। उनके निधन से मंदिर प्रबंधन और अस्‍पताल का स्‍टाफ भी दुखी है। उनका अंतिम संस्‍कार आज उत्‍तर प्रदेश के सरयू तट पर किया जाएगा।

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कोराेना की भी चपेट में आए थे महंत

महावीर कैंसर संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डा. एलबी सिंह ने बताया कि उन्हें फेफड़े का कैंसर था, वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। संत कन्हैया दास रामायाणी अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष और सनकादिक आश्रम के महंत थे। डा. एलबी सिंह ने बताया कि वे इस वर्ष कोरोना की चपेट में आ गए थे। उस दौरान से फेफड़े में संक्रमण की समस्या से जूझ रहे थे। कुछ महीनों तक उनका इलाज इंदौर में चला था, लेकिन हालात में सुधार नहीं होने पर महावीर कैंसर संस्थान में भर्ती कराया गया।

पटना से अयोध्‍या ले जाया गया पार्थिव शरीर

उनके पार्थिव शरीर को शिष्य और हरिद्वार के महंत संतोष महाराज पटना से अयोध्या ले गए। चार दिसंबर को पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सरयू तट पर किया जाएगा। कन्हैया दास की गिनती विश्व हिंदू परिषद के ओजस्वी वक्ताओं में होती थी। वे रामायण, श्रीमद्भागवत सहित विभिन्न हिंदू धर्म शास्त्र के ज्ञाता थे। डा. एलबी सिंह ने बताया कि उनके इलाज का पूरा खर्चा महावीर मंदिर की ओर से किया जा रहा था। उनके निधन से साधु समाज को काफी क्षति हुई है।


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