नैक की रेटिंग में 'ए' से 'बी' ग्रेड पर खिसका पटना का मगध महिला कॉलेज
पटना के प्रतिष्टित कॉलेजों में से एक मगध महिला को तगड़ा छटका लगा है। नैक की ताजा रेटिंग में एमएमसी एक पायदान नीचे आगर बी ग्रेड पर पहुंच गया है।
जयशंकर बिहारी, पटना। राजधानी के सबसे बेहतरी कॉलेजों में से एक को बड़ा छटका लगा है। पटना विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित मगध महिला कॉलेज को नैक एक्रिडेशन ने अपनी सूची में पायदान नीचे कर दिया है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने मगध महिला कॉलेज को ‘बी’ ग्रेड दिया है। कॉलेज ने 2.35 स्कोर किया है। जबकि 2013 में 3.02 स्कोर कर ‘ए’ तथा 2004 में ‘बी प्लस प्लस’ ग्रेड प्राप्त किया था। ‘बी’ ग्रेड मिलने के कारण कॉलेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तथा अन्य केंद्रीय एजेंसियों से मिलने वाले अनुदान में कटौती होगी।
बोलीं प्राचार्य, अभी नहीं मिला है सर्टिफिकेट
प्राचार्या प्रो. शशि शर्मा ने बताया कि अभी कॉलेज प्रशासन को नैक एक्रिडेशन का सर्टिफिकेट नहीं मिला है। लेकिन, मूल्यांकन के दौरान कई क्षेत्र में कम अंक को लेकर कॉलेज प्रशासन ने आपत्ति दर्ज कराई है। नैक ने मगध महिला कॉलेज का एक्रिडेशन स्टेटस रिपोर्ट वेबसाइट (www.naac.gov.in) पर अपलोड कर दिया है। कॉलेज ने पिछले साल आइआइक्यूए 25 जुलाई तथा एसएसआर 13 अक्टूबर को सबमिट किया था। पीयर टीम 18 और 19 मार्च को कॉलेज का निरीक्षण किया था। टीम के चेयरमैन शंकराचार्य यूनिवर्सिटी ऑफ संस्कृत के कुलपति प्रो. धर्मराजन पीके थे। जबकि सदस्य के तौर पर पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो. मधु राका और सिद्धिविनायक महिला महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. पुष्पा रनाडे शामिल थे।
स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोग्रेशन में सबसे कम अंक
सात कैटेगरी पर मूल्यांकन किया गया है। इसमें सबसे कम 1.18 अंक स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोग्रेशन में मिला है। कैरिकुलर एस्पेक्ट्स में 1.95, टीचर लर्निग एंड इवैलुएशन में 2.87, रिसर्च इनोवेशन एंड एक्सटेंशन में 2.12, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड लर्निग रिसोर्स में 2.72, गर्वनेंस, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट में 2.04 तथा इंस्टीट्यूशनल वैल्यूज एंड बेस्ट प्रैक्टिसेस में 2.64 अंक मिले हैं। एलुमिनाई की सहभागिता में बेहतर अंक मिले हैं। जबकि छात्रओं के सहयोग, उनके विकास और विभिन्न गतिविधियों में भागीदारी संतोषजनक नहीं है।
एक माह में अपील का है विकल्प
नैक एक्रिडेशन प्रक्रिया के विशेषज्ञ प्रो. अरुण कुमार ने बताया कि ग्रेड से असंतुष्ट होने पर कॉलेज प्रशासन एक माह के अंदर एक लाख रुपये जमा कर री-कंसीडरेशन की अपील कर सकता है। अपील के बाद आपत्ति पर कार्यकारी समिति सुनवाई करती है। अंतिम फैसला समिति का मान्य होगा। इससे संतुष्ट नहीं होने पर कॉलेज एक से तीन साल के अंदर री-असेस्मेंट के लिए आवेदन कर सकता है।
ऑनलाइन असेसमेंट में मिले है कम अंक
नैक मूल्यांकन की नई प्रक्रिया के तरह 70 फीसद अंक आइआइक्यूए के आधार पर ऑनलाइन असेस्मेंट में दिए जाते हैं। जबकि 30 फीसद अंक पीयर टीम कॉलेज निरीक्षण के दौरान देती है। रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन असेस्मेंट में कम अंक मिले है। इसका प्रमुख कारण डेटा कलेक्शन का अभाव है।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को नौ कैटेगरी में ग्रेडिंग करती है। चार अंक में 1.5 से 2.0 स्कोर पर ‘सी’ ग्रेड, 2.01-2.5 स्कोर पर ‘बी’, 2.51-2.75 स्कोर पर ‘बी प्लस’, 2.76-3.00 स्कोर पर ‘बी प्लस प्लस’, 3.01-3.25 स्कोर पर ‘ए’, 3.26-3.5 स्कोर पर ‘ए प्लस’ तथा 3.51 से अधिक अंक प्राप्त करने पर ‘ए प्लस प्लस’ ग्रेड मिलता है। यूजीसी व अन्य एजेंसियां नैक ग्रेड के आधार पर ही विश्वविद्यालय व कॉलेजों को अनुदान व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। कॉलेज व विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र पर भी ग्रेड की जानकारी देते हैं। नौ कैटेगरी में होती है ग्रेडिंग